मानसून की भारी बारिश की वजह से उत्तर भारत के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बाढ़ और भूस्खलन से जानमाल का भारी नुकसान हुआ है. बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के लिए बीमा नियामक इरडा (IRDAI) ने सभी लाइफ, जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को समाधान प्रक्रिया तेज करने को कहा है. नियामक ने कहा कि जांच, सर्वे और नुकसान की भरपाई के मोर्चों पर सेवा तेज कर उत्तर भारत में आई बाढ़ से जुड़े दावों का जल्द निपटारा किया जाए.
बीमा नियामक (IRDAI) ने बाढ़ प्रभावित जनता, कारोबार को हुए वित्तीय नुकसान को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिए हैं. दावा निपटान प्रक्रिया में तेजी आने से बीमाधारकों को मुश्किल दौर में समय रहते मदद मिल सकेगी. IRDAI ने प्रभावित राज्यों, केंद्र प्रशासित प्रदेशों में वरिष्ठ अधिकारी का चयन कर मुख्य सचिव/संबंधित अधिकारी को उनकी जानकारी देने की सलाह दी है.
नियामक की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि कि जिन राज्यों में अधिक क्लेम किए जा रहे हैं, वहां डिस्ट्रिक्ट क्लेम सर्विस हेड के जरिए मामलों का निपटारा किया जाएगा. बीमा कंपनियों को इन अधिकारियों की जानकारी, उनकी कॉन्टेक्ट डिटेल अपनी वेबसाइट, मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचानी होगी.
नियामक ने कंपनियों को क्लेम का दावा करने वालों की रोजाना चौबीसों घंटे (24×7) मदद करने को कहा है. इसके लिए हेल्पलाइन, जिला स्तर पर स्पेशल क्लेम डेस्क, क्लेम सेटलमेंट के लिए खास टीम बनाने की सलाह दी गई है. इससे भुगतान की प्रक्रिया तेज करने में भी मदद मिलेगी. इरडा ने इसके लिए बीमाधारकों को इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन का इस्तेमाल करने की सलाह भी दी है ताकि बीमा दावों का निपटान जल्द से जल्द निपटाया जा सके.