Eyewear Insurance Plan: यदि आप महंगे चश्मे या सनग्लास पहनना पसंद करते हैं तो अब उसके लिए भी बीमा खरीद सकते हैं. जिस तरह आप हेल्थ और लाइफ कवर लेते हैं, वैसे ही अपने ब्रैंडेड चश्मे के लिए भी इंश्योरेंस कवर खरीद सकते हैं. यदि आप स्पोर्ट्स से जुड़े हैं या आप ऐसे किसी प्रोफेशन या काम से जुडे़ हैं जहां चश्मे को संभालना मुश्किल हैं और उसे क्षति पहुंचने की संभावना बहुत ज्यादा हैं तो आप ऐसा प्लान खरीद सकते हैं. कई बीमा कंपनियां कम प्रीमियम और फटाफट सेटलमेंट वाली माइक्रो कवर की लागत कम रखने के लिए इस तरह का बीमा ऑनलाइन बेच रही हैं. आइए जानते हैं इस तरह के कवर में क्या-क्या शामिल हैं?
Insuretech से जानी जाती कुछ इंश्योरेंस-कम-टेक्नोलॉजी कंपनियां इस तरह के माइक्रो बीमा उत्पाद लॉन्च कर रहे हैं. Acko, Toffee Insurance, CPP जैसी कंपनियां बड़ी बीमा कंपनियों के साथ मिलकर ऐसे प्लान ऑफर कर रही हैं. इनके टारगेट कस्टमर में युवा पीढ़ी, अमीर और डिजिटल सैवी शामिल हैं, जो महंगे और ब्रान्डेड चश्मे पहनना पसंद करते हैं. कई कंपनियां कम प्रीमियम पर नए तरह का कवर मुहैया करा रही हैं. ऐसे ज्यादातर बीमा प्रोडक्ट रीटेलर के साथ मिलकर बेचे जाते हैं. इसमें ऑप्टिशियन की तरफ से चश्मे खरीदने का प्लान भी शामिल हैं.
इसमें 15,000 रुपये तक का रिपेयर और रिप्लेसमेंट कवरेज मिलता है और इसके अलावा 40,000 रुपये तक के अतिरिक्त बेनेफिट प्रदान किए जाते हैं. इस प्लान का सालाना प्रीमियम 799 रुपये है. डिडक्टिबल 15,000 रुपये से 500 रुपये तक होता हैं.
स्टार्टअप toffeeinsurance.com पर सालाना 150 रुपये के प्रीमियम में ऐसे प्लान शुरू होते हैं. जिसमें किसी भी तरह से चश्मे की फ्रेम टूटने का और लेंस का कवर मिल सकता हैं.
नुकसानः यदि कोई व्यक्ति गलती से आपके चश्मे या सनग्लास पर बैठ जाता है और आपके चश्मे की फ्रेम टूट जाती है या आपका चश्मा दुर्घटना से नीचे गिर जाता हैं तो आप इस प्लान के तहत क्लेम कर सकते हैं.
चोरीः आपके महंगे चश्मे या सनग्लास की चोरी हो जाती है तो आप संभवित फाइनेंशियल लॉस के लिए क्लेम कर सकते हैं.
आग, हड़ताल, दंगाः आग लगने से या दंगे की वजह से या हड़ताल की वजह से या ऐसे कोई आकस्मिक कारण से आपके चश्मे को नुकसान या क्षति पहुंचती है, तो आप इसके रिपेयर या रिप्लेसमेंट के लिए होने वाले खर्च के लिए कंपनी को क्लेम भेज सकते हैं.
– चश्मे की सफाई करते वक्त, डाइंग या ब्लीचिंग से, रिस्टोरिंग के वक्त, सर्विसिंग के वक्त, मरम्मत करते या रखरखाव के वक्त, टूटफूट, कीट, कीड़े, कीड़े या फफूंदी या किसी अन्य धीरे-धीरे परिचालन कारण से उत्पन्न होने वाली किसी भी प्रक्रिया के कारण होने वाली क्षति के लिए कवरेज प्रदान नहीं किया जाता हैं. – चश्मे को संभालने और उपयोग करते वक्त उसे गलत स्थान पर रखने से, दुरुपयोग करने से, लापरवाही से या जानबूझकर आचरण के कारण नुकसान या क्षति पहुंचती है तो बीमा कंपनी आपका क्लेम स्वीकार नहीं करेगी.
यदि आप 10,000 रुपये से 50,000 रुपये तक के चश्मे या सनग्लास पहनते हैं, तो इसके रिपेयर या रिस्टोर का खर्च भी हजारों रुपये में आएगा. महंगे ब्रांडेड चश्मे पहनने वालो के लिए 1,000 रुपये से भी कम प्रीमियम में उपलब्ध ऐसा बीमा खरीदना अच्छा विकल्प बन सकता है. आपको ऑनलाइन विकल्पों को अच्छी तरह से समझने के बाद और सभी प्लान की तुलना करने के बाद निर्णय लेना चाहिए.
यदि आप किसी एसेट का बीमा ले रहे हैं तो उसके साथ मूल्योह्रास (Depreciation) कॉस्ट भी जुड़ी होती है. आपका चश्मा जितना पुराना होता जाएगा उतनी ही डेप्रिशिएशन कॉस्ट बढ़ती जाएगी.
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