आजादी के 75 साल बाद भी देश में इंश्योरेंस (Insurance) की पहुंच काफी कम है. भारतीय स्टेट बैंक के अनुसार इसका साइज भारत की GDP का केवल 4.2% है. इंश्योरेंस पेनिट्रेशन का इस्तेमाल इंश्योरेंस (Insurance) सेक्टर डेवलपमेंट के इंडिकेटर के रूप में किया जाता है और इसकी कैलकुलेशन किसी दिए गए वर्ष में GDP के लिए टोटल प्रीमियम के रेशियो के रूप में की जाती है. SBI की केलकुलेशन भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के नवीनतम आंकड़ों पर आधारित है. देश की लगभग 135 करोड़ की आबादी का एक बहुत छोटा हिस्सा इंश्योरेंस का इस्तेमाल करता है.
SBI की ये रिसर्च मार्च 2020 तक की गई थी. इसमें महामारी के बाद की तस्वीर शामिल नहीं है. SBI की रिपोर्ट में कहा गया है, “महामारी के बाद हालात बदल रहे हैं लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री में ग्रोथ देखी जा रही है, नए प्रीमियम कलेक्शन में 7.5% और इंडिविजुअल सिंगल प्रीमियम में 36.19% की ग्रोथ हुई है.” स्टडी उम्मीद जता रही हैं कि FY21 के बाद, देश में इंश्योरेंस पेनिट्रेशन 5.2% के करीब हो सकता है.
2000-01 में भारत की इंश्योरेंस पेनेट्रेशन GDP का केवल 2.7% था. अगले 20 सालों में FY20 में इंश्योरेंस पेनेट्रेशन केवल 1.5% बढ़कर 4.2% हो गया, जो दुनिया भर में वृद्धि की सबसे धीमी दरों में से एक है. लेकिन SBI की स्टडी से पता चला है कि फिस्कल ईयर 2006 से 2010 के बीच इंश्योरेंस सेक्टर के उदारीकरण के कारण यह आंकड़ा 4.8%, 4.5%, 5%, 5.2% और 5.1% तक था. FY2010 के बाद यह आंकड़ा फिर से गिरकर 4% हो गया. FY2014 में यह आंकड़ा और फिसलकर 3.3% हो गया. फिर FY20 में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) और
(PMJJBY) जैसी सरकारी बीमा योजनाओं के चलते यह आंकड़ा बढ़कर 4.2% हो गया. जबकि PMJJBY 12 रुपये के सालाना प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का एक्सीडेंटल कवर प्रोवाइड करती है, PMSBY 330 रुपये के सालाना प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का लाइफ कवर प्रोवाइड करती है.
अगर हम ग्लोबल पिक्चर की बात करें, तो ताइवान में इंश्योरेंस पेनिट्रेशन सबसे ज्यादा है जो उसकी GDP का 17.5% है. अगले दो स्थान पर दक्षिण अफ्रीका 13.7% और अमेरिका 12% का कब्जा है.
साउथ कोरिया और UK का पेनेट्रेशन रेट GDP का 11.6% और 11.2% है. वर्ल्ड एवरेज 7.3% है. कनाडा, फ्रांस, इटली और जापान जैसे देशों में वर्ल्ड एवरेज से ज्यादा पेनेट्रेशन है. जो क्रमशः 8.7%, 8.6%, 8.6% और 8.1% है.
जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और चीन की रैंक अपने GDP के 6.8%, 4.7% और 4.5% के साथ वर्ल्ड एवरेज से ठीक नीचे हैं. GDP के 4.2% पेनिट्रेशन के साथ ब्राजील भारत के साथ बराबरी पर है.
मई 2021 तक, लगभग 65 करोड़ लोगों ने विभिन्न सरकारी बीमा योजनाओं और 17 करोड़ लोगों ने निजी बीमा योजनाओं के लिए नामांकन किया है. SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, 65 करोड़ नामांकन में से 10.34 करोड़ लोग PMJJBY में नामांकित हैं और 23.40 लोग PMSBY में नामांकित हैं, जिनका क्लेम सर्विस रेशियो क्रमशः 93.7% और 77.3% है.
इसके अलावा, यदि कस्टमर के पास RuPay डेबिट कार्ड है, तो PM जन धन योजना में 2 लाख रुपये तक का लाइफ इंश्योरेंस भी शामिल है. ये बिल्कुल फ्री है. मई 2021 तक SBI की रिसर्च के मुताबिक इस योजना के तहत कुल 31 करोड़ लोगों को कवर किया गया था.
दिलचस्प बात यह है कि भारत में इंश्योरेंस में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ रही है. FY20 में, पॉलिसियों की संख्या के मामले में महिलाओं की हिस्सेदारी 32% थी. हालांकि, सरकार द्वारा स्पॉन्सर्ड स्कीम्स में, PMSBY में महिलाओं की हिस्सेदारी 37% और PMJJBY में 27% है.
SBI ने कहा, यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज प्राप्त करने के लिए, सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) लॉन्च की है और अप्रैल 2021 तक योजना के लाभार्थियों को कुल 16.14 करोड़ आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं. स्टडी में कहा गया है कि हालांकि पश्चिम बंगाल, पंजाब और कुछ अन्य विपक्षी शासित राज्यों ने अभी तक PMJAY को लागू नहीं किया है, लेकिन उनकी अपनी स्वास्थ्य बीमा योजनाएं भी हैं. SBI की रिपोर्ट में कहा गया है कि हेल्थ इंश्योरेंस का साइज अब करीब 58,572 करोड़ रुपये है.
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