लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) न बचत है न निवेश. लेकिन, आपके फाइनेंशियल प्लान का एक बेहद जरूरी हिस्सा है, जिसे लोग नज़रअंदाज़ करते हैं. इंश्योरेंस (Insurance) रेगुलेटर IRDAI की 2019 की सालान रिपोर्ट बताती है कि भारत में केवल 2.82% के पास ही लाइफ इंश्योरेंस है. इंश्योरेंस नहीं खरीदने की एक बड़ी वजह है कि इसको खर्चा मनाना. इंश्योरेंस (Insurance) खर्चा तो है लेकिन एक ज़रूरी खर्चा. ये एक सुरक्षा कवच है, जो आपको कुछ हो जाने पर आपके परिवार के खर्चों का ख्याला रखेगा.
माय मनी मंत्रा के मैनेजिंग डायरेक्ट राज खोसला के मुताबिक, अगर लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) के कॉम्प्लीकेटेड प्रोडक्ट आपको डराते हैं तो एक बेसिक टर्म इंश्योरेंस सबके पास होना ही चाहिए. टर्म इंश्योरेंस का चुनाव उम्र और इंश्योरर के ऊपर कितने लोग अश्रित हैं और फाइनेंशियल जिम्मेदारियां जैसे कि लोन के हिसाब से करें.
निजी कंपनियां तो टर्म इंश्योरेंस देती हैं, लेकिन सरकार की स्कीम प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJY) जैसी स्कीम सालाना केवल 330 रुपए में 2 लाख रुपए का सम एश्योर्ड देती है. निजी कंपनियों के सरल जीवन बीमा स्टैंडर्ड बीमा (Standard Insurance) होती हैं और अलग अलग कंपनियों के नियम और प्रीमियम एक जैसे होते हैं. अगर आपके पास कोई भी वीमा नहीं है और टर्म इंश्योरेंस लेना चाहते हैं तो इन बेसिक प्लान पर जॉरूर नज़र डालें.
टर्म प्लान के अलावा इंश्योरेंस के ऐसे प्लान भी हैं जो प्रोटेख्शन के अलवा रिटर्न भी देते हैं. जैसे कि ULIP, एंडाउमेंट और गैरांटीड पेंशन प्लान. इनको आप तभी चुनें जब आपके पास एक बेसिक कवर है. My Money Mantra के MD राज खोसला बता रहें हैं कि कैसे चुनें इंश्योरेंस किन बातों का ख्याल रखें और इंश्यरेंस मिस-सेलिंग की कहां करें शिकायत-
Published - March 18, 2021, 03:47 IST
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।