अगर आपके पास मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी (motor insurance policy) है तो कई स्थितियों में आपकी गाड़ी में हुए नुकसान को कवर किया जा सकता है. उदाहरण के लिए अगर आपने मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी (motor insurance policy) ले रखी है तो बाढ़ में गाड़ी बह जाने, एक्सीडेंट हो जाने, तूफान या किसी प्राकृतिक घटना यहां तक की गाड़ी पर पेड़ गिर जाने पर भी गाड़ी में हुए डैमेज पर आपको कवर मिलता है. हालांकि कवर लेने के लिए आपको यह साबित करना होगा कि गाड़ी को नुकसान कैसे हुआ. वहीं कवर लेने के लिए कुछ शर्तों का पालन भी किया जाना चाहिए.
जिस भी समय आपकी गाड़ी को नुकसान होता है तो इसकी जानकारी तुरंत ही कंपनी को दें. आप फोन, ई मेल या फिर खुद जाकर कंपनी में जाकर घटना की सूचना दे सकते हैं. हालांकि इस दौरान ये ध्यान रखें की मोटर इंश्योरेंस कंपनी की मर्जी के बिना अपनी गाड़ी को नुकसान होने वाले स्थान से कहीं ना ले जाएं.
मोटर इंश्योरेंस क्लेम करने में आपको देर नहीं करना चाहिए. क्योंकि कई बार देर होने की स्थिति में आपका क्लेम रिजेक्ट भी हो सकता है. हालांकि क्लेम करने से पहले घटना की सूचना कंपनी को तुरंत दी जानी चाहिए. इंश्योरेंस कंपनी के नियम के अनुसार एक्सीडेंट या गाड़ी में किसी भी तरह के नुकसान होने के सात दिनों के अंदर कंपनी में क्लेम की जानकारी दी जानी चाहिए.
गाड़ी का एक्सीडेंट होने या फिर उसमें किसी भी तरह का डैमेज होने पर उसे खुद से ठीक करने की गलती ना करें. साथ ही गाड़ी को ठीक कराने के लिए लोकल मैकेनिक की मदद न लें और ना ही गाड़ी उसके पास ले जाएं. ऐसा करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. कई बार इस स्थिति में आपका क्लेम भी रिजेक्ट हो सकता है.
बाढ़ में आपकी गाड़ी बह रही है या फिर उस पर पेड़ गिर गया है तो तुरंत ही घटना का वीडियो बना लें या फिर फोटो लें ले. वहीं गाड़ी का एक्सीडेंट होने या फिर डेमेज होने की भी फोटो लें. फोटो लेते समय कोशिश करें कि गाड़ी की नंबर प्लेट फोटो में आ जाए. गाड़ी की जितनी हो सके उतनी तस्वीरें और वीडियो लें, क्योंकि गाड़ी को हुए नुकसान का क्लेम करते समय यह आपके लिए सबूत के तौर पर काम आएंगें.
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