IDV: देश भर के 28 राज्यों में से दिल्ली में वाहन (व्हीकल) चोरी की घटनाएं सबसे ज्यादा हुई हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2019 के आंकड़ों से पता चलता है कि राजधानी में हर 12 मिनट में एक वाहन चोरी हो जाता है. मुंबई में हर चार घंटे में एक और बेंगलुरु में हर दो घंटे में एक चोरी होती है. शहर में होने वाले सभी अपराधों में वाहन चोरी की हिस्सेदारी करीब 14 फीसदी है. हाल ही में आई एक मीडिया रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है.
2020 की पहली छमाही में दिल्ली में करीब 13,000 वाहनों की चोरी हुई. लॉकडाउन, आने-जाने पर प्रतिबंध और सड़कों पर अधिक सतर्कता के बावजूद 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 16,000 से अधिक हो गया.
हाई एंड गैजेट्स के बावजूद, सिक्योरिटी सिस्टम मिनटों में तोड़ (डिस्मेंटल) दिए जाते हैं और वाहनों को चुरा लिया जाता है. जब तक ओनर को सुबह चोरी का पता चलता है, तब तक काफी समय निकल गया होता है और गाड़ी अक्सर नकली रजिस्टर्ड नंबर प्लेट के साथ दूसरे राज्यों में ले जाई जा चुकी होती है.
अक्सर ज्यादा समय गुजर जाने के कारण चोरी हुई गाड़ी को पकड़ना मुश्किल होता है और गाड़ी को तब तक किसी रिमोट जगह पर ले जाकर डिस्मेंटल कर दिया जाता है या बेच दिया जाता है.
वाहन चोरी एक कम रिस्क वाला क्राइम है जिसमें हिंसा शामिल नहीं होती है, इसे रात में आसानी से किया जा सकता है और उसमें पकड़े जाने की संभावना कम होती है.
वाहन चोरों का एक बड़ा सिंडिकेट रैकेट है जो एक दूसरे के साथ मिलकर कई राज्यों में काम करता है.
2020 में 35,019 वाहन चोरी के मामलों में से केवल 4,183 (12%) चोरी के वाहन बरामद हुए. इसका मतलब है कि लगभग 31000 ओनर्स इंश्योरेंस कंपनियों में क्लेम के लिए गए होंगे.
SUVs और हाई-एंड व्हीकल्स को सबसे ज्यादा टारगेट किया जाता है क्योंकि इनका अच्छा पैसा मिलता है और इनकी डिमांड भी ज्यादा है.
इन डराने वाले आंकड़ों को देखकर जरूरी है, हर ओनर अपनी मेहनत की कमाई से खरीदे गए अपने कीमती वाहन की सुरक्षा के लिए उचित बीमा कराएं .
कई बार इंश्योरेंस कवर खरीदते समय, मालिक प्रीमियम बचाने के लिए वाहन के (IDV Insured Declared Value) को कम करने के लिए ललचाते हैं. कई बार एजेंट भी प्रीमियम कम रखने और सेल क्लोज करने की सलाह देते हैं.
यह साफ कर दें कि प्रीमियम पर बचत करने के लिए कम IDV डिक्लेयर करना बिल्कुल भी समझदारी वाला फैसला नहीं है. IDV मुआवजे की अधिकतम राशि है जिसकी आप बीमा कंपनी से दुर्घटना या चोरी के कारण हुए कुल नुकसान के मामले में मुआवजे के रूप में उम्मीद कर सकते हैं.
इसलिए, अगर ओनर ने कम IDV डिक्लेयर किया है, तो उसे कार के वास्तविक मूल्य से कम राशि ही मिलेगी. इसलिए, प्रीमियम की एक छोटी राशि बचाने के प्रयास में, ओनर को बहुत बड़ा नुकसान होता है.
आइए इस फैक्ट को होंडा सिटी मॉडल के उदाहरण के साथ देखें, जिसमें 6,19,020 रुपये का IDV है और 35% का NCB है. प्रीमियम 11,447 रुपये है. यदि आप 7,42,824 रुपये के हाई IDV के लिए जाते हैं तो भुगतान किया जाने वाला प्रीमियम 13,032 रुपये है, जो कि 1,585 रुपये अधिक है, लेकिन चोरी/कुल नुकसान की स्थिति में, आपको 1,23,804 रुपये मिलेंगे.
(लेखक RIA इंश्योरेंस ब्रोकर्स के डायरेक्टर और फाउंडर हैं. व्यक्त किए गए विचार निजी हैं)
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।