SHOP INSURANCE: यदि आप दुकानदार है तो आपके लिए दुकान का बीमा कराना काफी आवश्यक है. ऐसा बीमा आपको कई तरह के नुकसान से बचा सकता है. बीमा लेने से पहले आपको सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपकी दुकान कितनी तरह के जोखिमों के बीच खड़ी है. जिस शहर में आपकी दुकान है वहां बाढ़ आने की या भूकंप आने की संभावना ज्यादा है तो उस तरह का बीमा लेना चाहिए. आपको यह भी ध्यान में लेना चाहिए कि कौन से नुकसान शॉप इंश्योरेंस के तहत कवर नहीं होते.
शॉप इंश्योरेंस क्या है? यह एक प्रकार की बीमा पॉलिसी है जिसे किसी दुकान की संपत्ति और उसकी सामग्री को कवर करने के लिए डिजाइन किया गया है. आप निजी या सरकारी बीमा कंपनी से ऐसी पॉलिसी खरीद सकते है. इस पॉलिसी के तहत आग और प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़ और भूकंप से होने वाला नुकसान कवर होता है. दुकानों में चोरी होती रहती है, इसलिए चोरी से होने वाले नुकसान को कवर करने के लिए आप बेजिक पॉलिसी में ऐड-ऑन ले सकते हैं.
पॉलिसी में क्या कवर होता है – आग, बिजली, हड़ताल, दंगा, तूफान, चक्रवात, बाढ़ आदि के कारण इमारतों और सामग्री को नुकसान या क्षति कवर होती है. – आपके द्वारा या आपके पक्ष में जारी चेक, ड्राफ्ट या किसी भी परक्राम्य लिखत के जालसाजी या भौतिक परिवर्तन के कारण हुआ नुकसान कवर होता है. – दुकानदार को दुर्घटना के कारण शारीरिक चोटें जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु हो जाती है या स्थायी पूर्ण विकलांगता हो जाती है तो उसे भी कवर किया जाता है. – दुकान में सेंधमारी या चोरी के प्रयास के कारण हुई किसी भी हानि या क्षति. – किसी दुर्घटना, बाहरी और दृश्य साधनों के कारण किसी स्थिर सादे कांच के नुकसान या क्षति कवर होती है. – मशीनरी ब्रेकडाउन का कवर भी मिलता है. – धन (सेफ & ट्रांजिट): यह सुरक्षित स्थान पर नकदी की चोरी या दुकान से बैंक/एटीएम और बैंक से दुकान तक पारगमन में धन की हानि को कवर करता है. – यह वेतनभोगी कर्मचारियों के धोखाधड़ी या बेईमान कार्य के कारण होने वाला वित्तीय नुकसान कवर होता है.
ऐड-ऑन कवर ऊपर बताए नुकसान के अलावा कुछ ऐसे नुकसान हैं जिनके लिए दुकानदार को अलग से ऐड-ऑन कवर लेना होता है और एक्स्ट्रा प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है. ऐसे ऐड-ऑन में भूकंप, आतंकवाद और Escalation से होने वाला नुकसान कवर होता है.
प्रीमियम शॉप इंश्योरेंस के प्रीमियम की गिनती शहर, दुकान का एरिया, कवर की अमाउंट, किस तरह का कारोबार है, कितनी तरह के नुकसान को शामिल करना चाहते है, दुकान में कितने का माल है, कितने कर्मचारी है इत्यादि चीजों को ध्यान में रखने के बाद होती है. यदि आपकी किराना की दुकान है तो प्रीमियम कम रहेगा, लेकिन ज्वैलरी स्टोर है तो ज्यादा प्रीमियम चुकाना होगा. यदि कोई दुकानदार 5 लाख रूपये का बेसिक कवर लेता है, तो उसे सालाना 5 से 10 हजार तक का प्रीमियम चुकाना होगा. छोटे शहर के लिए भी प्रीमियम कम रहता है.
कितने का कवर लेना चाहिए मान लीजिए, आपकी कपड़ों की दुकान है. आपके पास 500 कपड़ों का माल है और एक की कीमत 500 रुपये है, तो आपको 2.50 लाख रुपये (500×500) का कवर लेना चाहिए. आपको ऐसे सोचना चाहिए कि यदि आपकी दुकान या स्टोर की मरम्मत न हो सके ऐसा भारी नुकसान होता है तो आपकी जेब को कितने का घाटा होगा, बस उतने का सम एश्योर्ड लेना चाहिए.
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