Home Loan Insurance: कोविड-19 के दौर में लाखों परिवारों ने अपनों को गंवाया है. लोगों ने इंश्योरेंस की जरूरत को पहचाना है. परिवार में कमाने वाले व्यक्ति के ना रहने पर एक साथ बड़े खर्च और जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ जाता है. यही वजह है कि फाइनेंशियल प्लानर्स सिर्फ आय के आधार पर जीवन बीमा या टर्म प्लान लेने की बजाय जिम्मेदारियों का हिसाब कर इंश्योरेंस कवर चुनने की सलाह देते हैं. जिम्मेदारियों में आप पर कितना कर्ज है, कौन से लोन जारी हैं ये आकलन करना भी जरूरी है. इनमें से सबसे आम और सबसे बड़ा लोन अक्सर होम लोन होता है.
होम लोन लेने वाले व्यक्ति का अगर निधन हो जाता है तो परिवार पर हर महीने EMI जमा कराने की चिंता रहेगी. लोन डिफॉल्ट हुआ तो घर जैसा सुरक्षित ऐसेट भी परिवार से छिन सकता है. सैलरी का बड़ा हिस्सा होम लोन में जाता है और जब नियमित आय का स्रोत नहीं, तो क्या आपके टर्म प्लान से मिली रकम से परिवार इस होम लोन की भरपाई कर पाएगा? ऐसे में काम आता है होम लोन इंश्योरेंस.
इस प्लान के तहत आपकी इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी होल्डर के निधन पर होम लोन का बकाया जमा करेगी ताकि परिवार पर बोझ ना आए और उनके सिर पर छत की छांव बनी रहे. SBI लाइफ की वेबसाइट के मुताबिक, पॉलिसी होल्डर इस इंश्योरेंस के तहत लोन की रीपेमेंट तक कवर होता है. लोन की रकम चुकाने पर पॉलिसी का टर्म भी खत्म हो जाएगा.
इस इंश्योरेंस (Home Loan Insurance) के लिए ज्यादातर कंपनियां सिर्फ एक ही बार प्रीमियम लेती हैं. यानी, अन्य स्कीम की तरह हर साल प्रीमियम जमा नहीं कराना होगा. SBI लाइफ के मुताबिक, लोन लेते वक्त इस प्रीमियम की रकम को भी लोन में शामिल किया जा सकता है. मसलन, आप 50 लाख रुपये का होम लोन ले रहे हैं तो घर खरीदार के पास विकल्प होगा कि वे होम लोन इंश्योरेंस की प्रीमियम की रकम जोड़कर 52 लाख रुपये का कुल होम लोन ले. होम लोन की EMI के साथ ही इस इंश्योरेंस के प्रीमियम की पेमेंट भी हो सकेगी.
ध्यान रहे कि होम लोन इंश्योरेंस (Home Loan Insurance) सिर्फ होम लोन की रकम के लिए ही मान्य है, आपके अन्य कर्ज के लिए नहीं. उसके लिए ज्यादा कवर वाला टर्म इंश्योरेंस लेना चाहिए. हालांकि, होम लोन इंश्योरेंस पर भी आप ऐड-ऑन या राइडर ले सकते हैं जैसे क्रिटिकल इलनेस, एक्सीडेंटल डेथ, बेरोजगारी आदि के लिए.
कई बार आपको बैंक अधिकारी कह सकते हैं कि होम लोन जहां से लिया वहीं से होम लोन इंश्योरेंस लेना अनिवार्य है. लेकिन, ऐसा नहीं है. आपको होन लोन लेते वक्त होम लोन इंश्योरेंस लेना जरूरी नहीं है. आप अपनी जरूरत के हिसाब से ही प्लान लें और जिस कंपनी से लेना चाहें ले सकते हैं.
अन्य इंश्योरेंस जैसे इस इंश्योरेंस के प्रीमियम पर भी टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. ध्यान रहे कि ये होम लोन इंश्योरेंस है, होम इंश्योरेंस नहीं. होम इंश्योरेंस में आपके घर और उसके सामान का किसी आपदा, आग आदि के लिए इंश्योरेंस होता है जबकि, होम लोन इंश्योरेंस पॉलिसी होल्डर के इंश्योरेंस जैसा है.
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