Health Policy: मेडिकल टेक्नोलॉजी में प्रगति ने निश्चित रूप से भारत में लाइफ एक्सपेक्टेंसी रेट में वृद्धि की है, लेकिन इन मेडिकल प्रक्रियाओं की लागत इतनी अधिक है, कि आम आदमी के लिए इसे अफ़्फोर्ड कर पाना लगभग असंभव हो जाता है. हालांकि अच्छी Health Policy आपको इस प्रकार का मेडिकल ट्रीटमेंट बिना किसी फाइनेंशियल प्रॉब्लम के मुहैया करवा सकती है, लेकिन हेल्थ स्कीम में निवेश करते समय सबसे पहले आपको यह तय करना होगा कि कौन सी हेल्थ पॉलिसी आपके परिवार की जरूरतों को पूरा करेगी और प्रत्येक सदस्य को पर्याप्त रूप से कवर करेगी. ऐसे में जब आप अपने लिए, अपने जीवनसाथी और अपने बच्चों के लिए एक हेल्थ स्कीम में निवेश करने की योजना बना रहे हों, तो आप फैमिली फ्लोटर प्लान ले सकते हैं क्योंकि यह परिवार के प्रत्येक सदस्य को पर्याप्त रूप से सुरक्षा प्रदान करता है.
हालांकि, एक्सपर्ट्स के द्वारा यह सलाह दी जाती है कि आपको अपने माता-पिता के लिए एक इंडिविजुअल हेल्थ प्लान खरीदना चाहिए क्योंकि उन्हें एक ब्रॉडर स्कीम के तहत कवर करने से अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी जिसकी बुढ़ापे में बहुत आवश्यकता होती है.
इसके अलावा, फैमिली फ्लोटर प्लान के तहत सब-लिमिट और वेटिंग पीरियड जैसे कुछ रेस्ट्रिक्शन्स हैं, जो उम्र के अनुसार एक बाधा बन सकते हैं, जिसमें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है.
इसी के साथ ही कोविड -19 सीनियर सिटीजन लोगों को अधिक प्रभावित कर रहा है, क्योंकि हृदय रोग, डायबिटीज या सांस की बीमारी जैसी कई अंतर्निहित बीमारियों की चपेट में पहले से होते हैं.
इसके अलावा कमजोर इम्यून सिस्टम होने से उनके लिए कोविड संक्रमण से लड़ना कठिन हो जाता है. इसलिए, इस कठिन समय में, जब इनकम सीमित है, प्रत्येक व्यक्ति को अपने माता-पिता के लिए पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लेना चाहिए.
जो उन्हें किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में फाइनेंशियल रूप से सुरक्षा प्रदान कर सके.
जैसा की नाम से जान पड़ता है इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम के तहत प्रत्येक स्कीम में केवल एक व्यक्ति को कवर किया जा सकता है. इसका मतलब है, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम, इंश्योरेंस राशि और अतिरिक्त लाभ केवल बीमित व्यक्ति द्वारा ही उपयोग किया जा सकता है, इसे साझा नहीं किया जा सकता है.
उदाहरण के लिए अगर आपने एक करोड़ रुपये का प्लान लिया है. तो पूरी पॉलिसी अवधि के दौरान लाभ उठाने के लिए केवल आपके पास एक करोड़ रुपये तक की सीमा होगी.
जबकि, फैमिली फ्लोटर प्लान में आप और परिवार के अन्य सदस्य एक प्लान साझा करते हैं. इसका मतलब है, इंश्योरेंस राशि, प्रीमियम और लाभों को शामिल सभी सदस्यों के बीच साझा किया जा सकता है.
फैमिली फ्लोटर प्लान में जब फैमिली का कोई भी सदस्य कोई क्लेम करता है, तो कवरेज राशि उसी हिसाब से कम होती रहती है.
प्रीमियम वह कारक होता है जिसके चलते व्यक्ति को फैमिली फ्लोटर प्लान और अपने माता-पिता के लिए इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के बीच चयन करते समय विचार करने की आवश्यकता है.
एक फैमिली फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम बीमित परिवार के सदस्यों की संख्या और बीमित सबसे बड़े व्यक्ति की आयु पर निर्भर करता है.
वहीं एक इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम के तहत चूंकि पॉलिसी केवल एक सदस्य के लिए उपलब्ध होती है, तो प्रीमियम का निर्धारण उस सदस्य की आयु और उनकी पूर्व-मौजूदा स्थितियों के आधार पर किया जाता है.
इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने माता-पिता को एक फैमिली फ्लोटर प्लान के तहत जोड़ने के बजाय एक अलग इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदें.
वर्तमान स्थिति को देखते हुए, जब कोरोनावायरस जंगल की आग की तरह फैल रहा है. इससे यह तो यह स्पष्ट है कि आपके परिवार के एक से अधिक सदस्यों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना हो सकती है.
साथ ही, क्योंकि आपके माता-पिता को कुछ अन्य बीमारियां भी पहले से हो सकती है और आप यह भी जानते है कि इन सब बिमारियों के इलाज में लाखों का खर्च आ रहा है.
इस सब बातों पर विचार करते हुए एक फैमिली फ्लोटर प्लान आपके परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है.
जबकि एक इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में कोई व्यक्ति जब अपनी इंश्योरेंस राशि का उपयोग करता है. इससे परिवार के अन्य सदस्यों की बीमा राशि प्रभावित नहीं होती है.
साथ ही मौजूदा स्थिति को देखते हुए पर्याप्त इंश्योरेंस राशि के साथ एक अलग हेल्थ प्लान लेने की सलाह दी जाती है.
फैमिली फ्लोटर प्लान का रिन्यूअल केवल तब तक किया जा सकता है जब तक सबसे पुराना सदस्य अधिकतम नवीनीकरण आयु तक नहीं पहुंच जाता, यानी 65 से 75 वर्ष के बीच. यदि वह इससे अधिक हो जाता है, तो उस सदस्य को योजना से भर कर दिया जाता है और फिर उस व्यक्ति का इंश्योरेंस नहीं किया जाता है.
हालांकि सीनियर सिटीजन के लिए एक इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के तहत, पॉलिसी को बिना किसी आयु सीमा या किसी अन्य प्रतिबंध के लाइफटाइम रिन्यूअल किया जा सकता है और स्वाभाविक रूप से यह किसी भी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति के मामले में फाइनेंशियल दबाव को दूर करता है.
उम्र के साथ, डायबिटीज, कैंसर, गुर्दे की समस्याओं आदि जैसी गंभीर बीमारियों के होने की संभावना बढ़ जाती है. अब आम तौर पर, हेल्थ प्लान 2 से 4 साल के वेटिंग पीरियड के साथ आते हैं.
जिसके दौरान वे पहले से मौजूद बीमारियों (PEDs) को कवर नहीं करते हैं. हालांकि, हाल के दिनों में, कई इंडिविजुअल प्लान ऐसे आए हैं जिन्होंने पीईडी (PEDs) के लिए पहले दिन से कवरेज देना शुरू कर दिया है.
दूसरी ओर फैमिली फ्लोटर प्लान में यदि किसी व्यक्ति को कोई पहले से मौजूद बीमारियां हैं, तो वेटिंग पीरियड समाप्त होने के बाद ही उपचार कवरेज प्रदान किया जाएगा. यह बीमाकर्ता के आधार पर 2 से 4 वर्षों के बीच हो सकता है.
इसलिए, अपने माता-पिता, जिन्हें पहले से कोई बीमारी है, उनके लिए एक इंडिविजुअल हेल्थ प्लान का चयन करना बेहतर विकल्प होता है.
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