स्वास्थ्य बीमा के विस्तार और इसे किफायती बनाए रखने के मकसद से सरकार जल्द ही एक स्वास्थ्य क्षेत्र नियामक का गठन करने वाली है. इसके तहत एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी तरह की हेल्थ बीमा सुविधाएं मिल सकेंगी. इस बात की पुष्टि दो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने की है. इस सिलसिले में वित्त और स्वास्थ्य मंत्रालयों के बीच प्रारंभिक चर्चा भी हुई है.
राष्ट्रीय बीमा एजेंसी की हालिया रिपोर्ट के अनुसार कम पहुंच, अपर्याप्त कवरेज और बढ़ती स्वास्थ्य देखभाल लागत के कारण 400 मिलियन से अधिक व्यक्तियों या लगभग एक तिहाई आबादी के पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है. ऐसे में उपचार लागत को तय करने और स्वास्थ्य दावों के निपटान जैसी कई चुनौतियों को हल करने के लिए स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में एक क्षेत्रीय नियामक की जरूरत है. एक अन्य अधिकारी का कहना है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को अब एक विस्तृत योजना और संभावित स्वास्थ्य नियामक की भूमिका के लिए बीमा कंपनियों सहित सभी हितधारकों की एक बैठक बुलाने की उम्मीद है. एक स्वास्थ्य नियामक राष्ट्रीय स्वास्थ्य दावा एक्सचेंज के दायरे को और व्यापक कर सकता है.
नियामक के गठन से होंगे ये फायदे
स्वास्थ्य बीमा उत्पादों का मूल्य निर्धारण वर्तमान में बाजार की ओर से निर्धारित होता है, लेकिन पॉलिसी शर्तों और दावा प्रतिबंधों और सीमाओं में बीमाकर्ताओं के बीच काफी अंतर है. एक स्वास्थ्य नियामक कुछ मानकीकरण और कम लागत लाने में मदद कर सकता है. एनएचए ने स्वास्थ्य दावों को हल करने के लिए एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य दावा एक्सचेंज विकसित किया है. एचसीएक्स भुगतानकर्ताओं, प्रदाताओं, लाभार्थियों और नियामकों सहित अन्य के बीच दावों से संबंधित जानकारी के आदान-प्रदान के लिए एक प्रोटोकॉल के रूप में भी कार्य करता है.