केंद्र हेल्थ बेनिफिट पैकेजों को युक्तिसंगत बनाकर आयुष्मान भारत-जन आरोग्य योजना (JAY) में और अधिक निजी अस्पतालों को जोड़ने की योजना बना रहा है. प्राइवेट अस्पतालों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि आयुष्मान भारत योजना में ट्रीटमेंट के जो रेट दिए गए हैं वो व्यवहारिक नहीं है और इससे उनके पार्टिसिपेशन में मुश्किल पैदा हो रही है. इसी के बाद सरकार इन मुद्दों के समाधान के लिए नई योजना लेकर आई है.
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) के सीईओ आरएस शर्मा ने कहा कि दरों को युक्तिसंगत बनाया जाएगा, लेकिन इस हद तक नहीं कि वे अस्पतालों के लिए बहुत प्रॉफिटेबल हो जाएं. शर्मा ने आश्वासन दिया कि एक्सपर्ट्स की राय लेने के बाद ही उपाय किए जाएंगे. NHA सरकारी खजाने के खर्च से संबंधित कैल्कुलेशन को आसान बनाने और अस्पतालों में इलाज के लिए मानक दरों और प्रोटोकॉल स्थापित करने पर भी विचार कर रहा है.
NHA के डिप्टी सीईओ विपुल अग्रवाल ने कहा कि योजना में क्लेम सेटलमेंट सिस्टम में बदलाव करके प्राइवेट अस्पतालों के लिए प्रक्रियाओं को आसान बनाने के उपाय किए गए हैं. NHA ने योजना की निगरानी और मूल्यांकन में तेजी लाने के लिए एक रिटायर्ड सरकारी अधिकारी के नेतृत्व में जॉइंट रिव्यू मिशन शुरू करने का भी प्लान बनाया है. इसके अलावा, सरकार दावों के निपटान में तेजी लाने के लिए अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले अस्पतालों के साथ ग्रीन चैनल स्थापित करने के लिए भी कदम उठा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2018 में आयुष्मान योजना शुरू की थी. इसमें अब तक करीब 23,000 अस्पतालों को लिस्ट किया जा चुका है, जिनमें से करीब 40% निजी क्षेत्र के हैं. यह योजना प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का कवर देती है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 18 अगस्त, 2021 को कहा कि AB-PMJAY के तहत करीब 2 करोड़ लोगों ने अस्पताल में इलाज कराया है जिन पर करीब 25,000 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, आयुष्मान भारत PMJAY एक महत्वाकांक्षी योजना है जो गरीब लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करती है. इस योजना ने सभी पात्र लाभार्थियों को प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक कैशलेस और पेपरलेस स्वास्थ्य सेवा लाभ दिया है.
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