देश में जीवन बीमा कारोबार में तो सरकारी कंपनी LIC का कब्जा है लेकिन हेल्थ, ऑटो, दुर्घटना, आपदा और चोरी जैसे सामान्य बीमा कारोबार में सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी लगातार कम हो रही है और इस सेक्टर में निजी कंपनियां अपनी पकड़ और मजबूत करती जा रही हैं. इस साल अप्रैल-सितंबर के दौरान जनरल बीमा कारोबार में जितना प्रीमियम इकट्ठा हुआ है उसमें प्राइवेट कंपनियों की हिस्सेदारी 53.58 फीसद है जो पिछले साल इस दौरान 50.81 फीसद हुआ करती थी.
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के आंकड़ों के अनुसार, गैर-जीवन बीमा उद्योग की 31 बीमा कंपनियों ने इस साल अप्रैल-सितंबर के दौरान 1.43 लाख करोड़ रुपए का सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम हासिल किया. निजी बीमाकर्ताओं ने सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम में 14.86 फीसद की वार्षिक वृद्धि दर्ज की. गैर-जीवन बीमा उद्योग ने 2022-23 की अप्रैल-सितंबर अवधि में 1,25,194 करोड़ रुपये का सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम (GDP) अर्जित किया था.
IRDAI ने कहा, “निजी साधारण बीमाकर्ताओं की संयुक्त बाजार हिस्सेदारी 21.13 फीसद की वृद्धि दर के साथ सितंबर, 2023 तक 53.58 फीसद थी. सितंबर, 2022 में यह आंकड़ा 21.33 फीसद की वृद्धि दर के साथ 50.81 फीसद की बाजार हिस्सेदारी पर था.” वहीं दूसरी तरफ सरकारी जनरल बीमा कंपनियों की संयुक्त बाजार हिस्सेदारी 12.16 फीसद वृद्धि दर के साथ अप्रैल-सितंबर, 2023 के दौरान 31.99 फीसद रही, जो पिछले साल समान अवधि में 6.43 फीसद की वृद्धि दर के साथ 32.76 फीसद थी.
IRDAI के आंकड़ों के मुताबिक न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी 13.09 फीसद की बाजार हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी बीमा कंपनी है. इसके बाद आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी (8.67 फीसद) और बजाज अलायंज जनरल इंश्योरेंस कंपनी (7.69 फीसद) हैं. इन शीर्ष तीन बीमाकर्ताओं की संयुक्त बाजार हिस्सेदारी 18.45 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ 29.46 प्रतिशत है. आंकड़ों के अनुसार गैर-जीवन बीमा कारोबार में सितंबर 2023 तक स्वास्थ्य बीमा खंड सबसे बड़ा था, इसके बाद वाहन और फसल बीमा का स्थान था.