महामारी की वजह से हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है. इसके साथ ही आग लगने जैसी घटनाओं से सुरक्षा के लिए भी बीमा कवर की मांग पिछले एक साल में बढ़ी है. इन वजहों के चलते बीते वित्त वर्ष 2020-21 में जनरल इंश्योरेंस सेक्टर की बिक्री में 5.2 फीसदी की ग्रोथ हुई है. इस दौरान जनरल इंश्योरेंस कंपनियों का प्रीमियम कलेक्शन बढ़कर 1,98,734.7 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. हालांकि, यह इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में दर्ज 11.5 फीसदी की ग्रोथ से कम है.
महामारी से बढ़ी हेल्थ इंश्योरेंस की मांग
केयर रेटिंग्स के एक एनालिसिस के मुताबिक, महामारी की वजह से 2020-21 में जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री इस पॉजिटिव ग्रोथ को हासिल कर सकी है. मार्च में जनरल इंश्योरेंस सेक्टर की ग्रोथ 23.4 फीसदी रही, जो मार्च, 2020 में 11.5 फीसदी थी.
इस इंडस्ट्री के तहत साधारण बीमा कंपनियों की ग्रोथ 3.4 फीसदी बढ़ गई और प्रीमियम कलेक्शन 1,69,840 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. स्टैंडअलोन बेसिस पर निजी बीमा कंपनियों की ग्रोथ 11.1 फीसदी रही और ये 15,720 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. स्पेशलाइज्ड सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों ने 26.2 फीसदी ग्रोथ के साथ 13,176.4 करोड़ रुपये का प्रीमियम जुटाया. इस तरह मार्च के अंत तक पूरी इंडस्ट्री का कुल प्रीमियम 1,98,734.7 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
2019-20 में रही थी 11.5 फीसदी ग्रोथ
इंडस्ट्री की ग्रोथ को मूल रूप से तेजी हेल्थ इंश्योरेंस की बढ़ती मांग से मिली है. इस दौरान हेल्थ इंश्योरेंस की ग्रोथ 31.5 फीसदी रही है. इसमें HDFC अर्गो हेल्थ इंश्योरेंस के मर्जर से पहले के आंकड़े भी शामिल हैं. केयर रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इसे छोड़ दिया जाए तो इंडस्ट्री की ग्रोथ 2020-21 के दौरान 11.1 फीसदी रही है.
2019-20 में इंडस्ट्री ने 11.5 फीसदी की ग्रोथ हासिल की थी और इस दौरान 1,88,917 करोड़ रुपये का प्रीमियम हासिल किया था. मार्च 2020 में इंडस्ट्री ये 15,635.4 करोड़ रुपये था.
एजेंसी के एनालिसिस में कहा गया है कि इस इंडस्ट्री की ग्रोथ हेल्थ और फायर इंश्योरेंस सेगमेंट पर टिकी रहेगी.
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