EDLI: कोरोना काल में न जाने कितने ही लोगों ने अपने जीवन से हाथ धो बैठे हैं. कुछ पैसों के अभाव में जरूरी चिकित्सा सहायता से वंचित रह गए तो कोई उचित जानकारी के अभाव से वंचित रह गए. ऐसे नाजुक समय में वित्तीय मदद शोकसंतप्त परिवारों के लिए वरदान साबित हो सकती है. ऐसी ही एक योजना है इम्पलॉयीज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) स्कीम. अगर संगठित क्षेत्र में काम करने वाले किसी व्यक्ति की कोरोना या अन्य बीमारी से मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को 2.5 लाख रुपये से 7 लाख रुपये तक लाइफ इंश्योरेंस मिल सकता है.
किेस और कितना मिलता है लाभ
बता दें कि ईफीएफओ तीन योजनाओं का संचालन करती है. ईपीएफ स्कीम (EPF), पेंशन स्कीम (EPS) और इंश्योरेंस स्कीम (EDLI). इंश्योरेंस स्कीम के लिए कर्मचारी को अलग से योगदान देने की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि इसके लिए योगदान नियोक्ता द्वारा ही दिया जाता है. किसी भी आर्गेनाइज्ड समूह में काम करने वाले कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और डीए का 12 फीसद ईपीएफ (इम्प्लाइ प्रोविडेंट फंड) में जाता है. साथ ही 12 फीसद का योगदान कंपनी या नियोक्ता द्वारा किया जाता है. केंद्र सरकार ने 2018 में दो साल के लिए इडीएलआई स्कीम 1976 के तहत न्यूनतम बीमा कंपनशेसन 2.5 लाख रूपये निर्धारित कर दिया था. वहीं अब इसकी अवधि बढ़ाते हुए 28 अप्रैल 2021 के नोटिफिकेशन में सरकार ने इडीएलआइ योजना के तहत इसका अधिकतम लाभ 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दिया है.
कैसे तय होती है EPF Covid Claim की रकम?
किसी कर्मचारी की मौत होने पर नॉमिनी को पिछले 12 महीने की औसत सैलरी की 30 गुना राशि, 20 फीसदी बोनस के साथ मिलती है. इसका मतलब है कि मौजूदा समय में 15,000 रुपए की बेसिक इनकम की सीलिंग के मुताबिक 30x₹15,000= ₹4,50,000 रुपए मिलेगा. इसके अलावा बोनस अमाउंट ₹2,50,000 भी क्लेम करने वाले को दिया जाएगा. कुल मिलाकर यह रकम अधिकतम 7 लाख रुपए तक हो सकती है.
कैसे करें बीमा राशि के लिए दावा?
यदि ईपीएफ सब्सक्राइबर की असमय मौत हो जाती है तो उसके नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी इंश्योरेंस कवर के लिए क्लेम कर सकते हैं. उसके नॉमिनी या परिवार के सदस्य उसके PF फॉर्म भरते समय उसके साथ FORM- 5IF भरकर उसके साथ व्यक्ति की डेथ सर्टिफिकेट लगाकर epfo ऑफिस में जमा कर बीमा राशि के लिए दावा कर सकते हैं. इसका भुगतान 30 दिनों के अंदर ईपीएफओ द्वारा बैंक खाते में जमा कर दिया जाता है. इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को डेथ सर्टिफिकेट, सक्सेशन सर्टिफिकेट और बैंक डिटेल्स देने की जरूरत होगी. अगर पीएफ खाते का कोई नॉमिनी नहीं है तो फिर कानूनी उत्तराधिकारी यह अमाउंट क्लेम कर सकता है.
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