कोरोना काल के बाद से हेल्थ इंश्योरेंस के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ी है. यह बीमा अब लोगों की अहम जरूरत बन गया है. वे खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए अलग-अलग कंपनियों के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीद रहे हैं. इसी बीच एक नई जानकारी सामने आई कि लोगों की दिलचस्पी कस्टमाइज्ड हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने में बढ़ी है. इतना ही नहीं वे इसके लिए ज्यादा पैसे खर्च करने को भी तैयार हैं. इस बात का खुलासा फ्यूचर जेनेराली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी की ओर से किए गए एक सर्वे में हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अधिकांश मौजूदा और संभावित स्वास्थ्य बीमा ग्राहक कस्टमाइज्ड हेल्थ इंश्योरेंस को प्लान का एक अहम हिस्सा मानते हैं. लगभग 94 प्रतिशत लोगों को लगता है उनकी खास जरूरतों और उम्र के स्तर को देखते हुए इस फीचर को शामिल किया जाना चाहिए. इसके लिए लोगों को एक्स्ट्रा पैसे खर्च करने और कस्टमाइजेशन के लिए अतिरिक्त समय देने में भी कोई आपत्ति नहीं है. यही वजह है कि कस्टमाइज्ड, सुविधाजनक पॉलिसी के लिए मांग बढ़ी है.
94% लोग बीमा के लिए खुद करते हैं रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि लगभग 94% लोग अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदने या इसे रिन्यू करने से पहले पॉलिसी के बारे में खुद ही रिसर्च करते हैं. जबकि दो-तिहाई लोग बीमा की तुलना करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल का इस्तेमाल करते हैं, जबकि उनमें से आधे ने बीमा कंपनी और योजना चुनने से पहले परिवार, दोस्तों और साथियों से सलाह ली है.
सर्वे में इस उम्र के लोग थे शामिल फ्यूचर जेनेराली ने ये सर्वे मार्केट रिसर्च एजेंसी यूनोमर के सहयोग से किया था. इसमें 25-45 आयु वर्ग के 1500 लोगों को शामिल किया गया था, जिसमें 14 भारतीय शहरों (दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे, अहमदाबाद, लखनऊ, कोयम्बटूर, जयपुर, विशाखापत्तनम, नागपुर और कोटा) में स्व-नियोजित और वेतनभोगी पेशेवर शामिल हैं.
क्या होता है कस्टमाइज्ड हेल्थ बीमा? इस तरह के बीमा प्लान में लोगों को अपनी मर्जी के अनुसार पॉलिसी कवर चुनने का विकल्प मिलता है. अगर किसी को ओपीडी कवर ज्यादा चाहिए तो वह उसका चुनाव कर सकता है, वहीं अगर किसी को मैटरनिटी खर्च को कवर करना है या कोई अन्य आकस्मिक खर्च का कवर चाहता है तो वह इसे शामिल करा सकता है. हालांकि अपनी मर्जी के अनुसार कवर चुनने के लिए बीमाधारक को उसके अनुसार प्रीमियम का भुगतान करना होगा.
कस्टमाइज्ड हेल्थ इंश्योरेंस के क्या हैं फायदे? सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर जिंतेंद्र सोलंकी का कहना है कि आजकल लोग अपनी जरूरत के हिसाब से हेल्थ बीमा का चुनाव करना पसंद करते हैं. इससे वे अपने बीमा में उन्हीं कवर को शामिल करते हैं जो उनके परिवार व उनके लिए उपयोगी हो. इससे उन्हें अलग-अलग बीमा कंपनियों की ओर से दिए गए गैर जरूरत वाले कवर के लिए पैसे नहीं चुकाने होते हैं.
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