बीमा पॉलिसी खरीदने की जल्दबाजी में अक्सर हम कुछ गलतियां कर बैठते हैं. एजेंट से हम सही सवाल नहीं कर पाते. जबकि जरूरतों के मुताबिक सही उत्पाद चुनना बेहद आवश्यक है. हम यहां आपको उन कुछ गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जो लोगों से अक्सर हो जाती हैं. इससे आपको सही पॉलिसी लेने में मदद मिलेगी.
जीवन बीमा में कई तरह की पॉलिसियां होती हैं. मसलन, टर्म इंश्योरेंस, इंडोमेंट प्लान, यूनिट लिंक्ड प्लान वगैरह. इसी तरह हेल्थ इंश्योरेंस में बेसिक हॉस्पिटलाइजेशन पॉलिसी, बीमारी-विशेष पॉलिसी, क्रिटिकल इलनेस प्लान आदि. इसलिए जब भी कोई पॉलिसी खरीदें, यह ध्यान रखें यह किन्हें कवर कर रहा है.
पॉलिसी में बीमित राशि की मात्रा कितनी होनी चाहिए, इस बात पर ध्यान देना चाहिए. इसके लिए अपनी संपत्ति और जिम्मेदारियों का ख्याल रखते हुए विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए. बीमित राशि की मात्रा इतनी होनी चाहिए कि यदि पॉलिसीधारक के साथ कोई अनहोनी हो जाए तो उसपर निर्भर सदस्यों को पर्याप्त आर्थिक सुरक्षा मिल सके. हेल्थ प्लान में लाइफ स्टाइल और शहर के खर्च को ध्यान में रखते हुए कवरेज खरीदना चाहिए. जीवन बीमा सालाना आमदनी का 15-20 गुना होना चाहिए.
पॉलिसी खरीदते वक्त एजेंट से यह जरूर पूछें कि इसमें किन चीजों को कवर नहीं किया जा रहा है. उदाहरण के लिए, हेल्थ प्लान में पहले से मौजूद बीमारी के लिए 4 साल तक का वेटिंग पीरियड होता है. इसके अलावा रूम रेंट, डायग्नोसिस, डॉक्टर की फीस वगैरह की अधिकतम सीमा भी तय कर दी जाती है. हमें इसकी जानकारी होनी चाहिए.
कई बार में आपको ऐसे ऐड-ऑन दिए जाते हैं जिनके बारे में आपको जानकारी नहीं होती. इसके अलावा, आपको अपनी किसी विशेष जरूरत को ध्यान में रखते हुए भी ऐड-ऑन के बारे में पूछना चाहिए.
हेल्थ प्लान वार्षिक होता है, जबकि लाइफ इंश्योरेंस लंबी अवधि की योजना होती है. इसलिए अपने एजेंट से प्रीमियम पेमेंट टर्म और पॉलिसी टर्म के बारे में जरूर पूछें, ताकि आपको अपनी देनदारियों के बारे में अच्छे से जानकारी हो पाए.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।