हेल्थ इंश्योरेंस होना जितना जरूरी है. उतना ही जरूरी ये पता करना है कि आप जो बीमा चुन रहे हैं, वो अनदेखे खर्चों के लिए काफी है या नहीं? इस सवाल का जवाब नितेश ने नहीं ढूंढा और एक बड़ी कीमत चुकाई. आप ये गलती बिल्कुल भी न करें. पिछला पूरे हफ्ते नितेश को अस्पताल में बिताना पड़ा. ब्लड कैंसर की वजह से मां की तबियत बिगड़ गई और अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. फिर बेटा कार एक्सिडेंट में बुरी तरह घायल हो गया. इन सबसे जूझते हुए नितेश की पैसों की परेशानी और बढ़ गई क्योंकि इलाज के खर्चों के सामने इनका हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज खत्म हो गया. साथ ही घर के दो लोगों के इलाज का बोझ और बढ़ गया.
हेल्थ पॉलिसी के साथ मिलने वाला कवर एक बार में खत्म हो सकता है, बीमारी बिना बताए कभी भी आ सकती है, सड़क हादसे कभी भी हो सकते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए आपकी पॉलिसी में रिस्टोरेशन बेनिफिट होना चाहिए. अब यह समझ लेते हैं कि रिस्टोरेशन बेनिफिट होता क्या है? मान लेते हैं आपकी हेल्थ पॉलिसी पानी से भरा एक गिलास है और रेस्टोरेशन बेनिफिट पानी का जग है. तो गिलास जब खाली होगा, आप उसमें दोबारा पानी जग से भरेंगे. इसी तरह हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का कवरेज खत्म होने पर उसमें रिस्टोरेशन बेनिफिट के साथ दोबारा बेसिक सम इंश्योर्ड मिल जाता है.
कैसे काम करती है रिस्टोरेशन की सुविधा दो तरह के रिस्टोरेशन की सुविधा इंश्योरेंस कंपनी देती है. कंप्लीट रिस्टोरेशन और पार्शियल रिस्टोरेशन. कंप्लीट रिस्टोरेशन में कवरेज का पूरा अमाउंट इस्तेमाल कर लिए जाने पर ही दोबारा पूरा सम इंश्योर्ड डाला जाता है. वहीं पार्शियल रिस्टोरेशन में सम इंश्योर्ड का केवल एक हिस्सा क्लेम किए जाने के बाद सम इंश्योर्ड फिर से बढ़कर उतना ही हो जाएगा जितने का कवरेज था. नितेश की पॉलिसी में अगर रिस्टोरेशन बेनिफिट होता तो 20 लाख रुपए का पूरा सम इंश्योर्ड मां के इलाज में खर्च होने पर कंप्लीट रिस्टोरेशन के तहत 20 लाख का सम इंश्योर्ड बीमा से जुड़ जाता और बेटे के इलाज का 5 लाख का खर्चा क्लेम कर पाते. अगर इस प्लान में पार्शियल रिस्टोरेशन होता तो बेटे के इलाज के लिए क्लेम करने के बाद उनका सम इंश्योर्ड 15 लाख रुपए से बढ़कर 20 लाख रुपए हो जाता.
क्या कहते हैं जानकार? पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट विरल भट्ट रिस्टोरेशन बेनिफिट को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में एक वैल्युएबल ऐड ऑन बताते हैं. किसी पॉलिसी ईयर में अगर आपने अपने पूरे सम इंश्योर्ड का इस्तेमाल कर लिया है और आपको क्लेम करना है तो आपको वित्तीय सुरक्षा मिलेगी. इससे एक साल में कई बार अस्पताल में भर्ती होने या किसी गंभीर बीमारी की स्थिति में वित्तीय मदद मिल जाती है. रिस्टोरेशन ज्यादातर पॉलिसी में एक डिफॉल्ट फीचर बनता जा रहा है. एक्सपर्टस के मुताबिक पूरी फैमिली को कवर करने वाले फ्लोटर हेल्थ प्लान में रिस्टोरेशन की सुविधा जरूर लें क्योंकि घर के सारे सदस्य इसमें कवर होते हैं लेकिन रिस्टोरेशन बेनिफिट में कोई दिक्कत ही या नहीं, ये बात हर कंपनी के नियम पर निर्भर करती है.
उदाहरण के लिए आदित्य बिड़ला हेल्थ प्लेटिनम एन्हॉन्स्ड प्लान में एक साल में केवल एक बार 100% बेसिक सम इंश्योर्ड दिया जाता है लेकिन पॉलिसी में ओपीडी ट्रीटमेंट कवर नहीं होते, ना ही पॉलिसी के तहत किए जाने वाले पहले क्लेम पर सम इंश्योर्ड रिलोडिंग अप्लाई होता है. ऐसा केवल रोड एक्सीडेंट होने पर ही होगा. मान लीजिए आपकी पॉलिसी में 1 लाख रुपए का सम इंश्योर्ड है. डायबिटीज के सिम्पटम्पस की वजह से आप अस्पताल में भर्ती होते हैं और इलाज के लिए 1 लाख रुपए क्लेम करते हैं. अब अगर 3 महीने बाद आपके परिवार का कोई और सदस्य डायबिटीज की वजह से अस्पताल में भर्ती होता है तो उसके लिए 1 लाख रुपए का सम इंश्योर्ड रिलोड नहीं होगा. साथ ही आप अपना रिलोडेड सम इंश्योर्ड कैरी फॉरवर्ड नहीं कर सकते. इसका मतलब है कि अगर आपने पूरे साल में रिस्टोर्ड सम इंश्योर्ड का इस्तेमाल नहीं किया तो आप अगले साल उसके बेनेफिट हासिल नहीं कर पाएंगे.
रिस्टोरेशन की सुविधा वाली पॉलिसी कुछ पॉलिसी में को-पेमेंट भी अनिवार्य है. इसका मतलब है कि सम इंश्योर्ड जितना भी हो, क्लेम की पेमेंट को लेकर इंश्योरेंस कंपनी की जिम्मेदारी पहले से तय परसेंटेज तक ही सीमित होगी. कुछ स्थितियों में को-पेमेंट 25 फीसद तक हो सकता है. Niva Bupa ReAssure 2.0 Health Insurance में रिस्टोरेशन के साथ वेटिंग पीरियड जुड़ा है. इस दौरान कोई बीमारी या रोड एक्सीडेंट होने पर इंश्योरेंस कंपनी कोई जिम्मेदारी नहीं लेगी. प्री-एक्जिस्टिंग डिजीजेज यानी पहले से चल रही बीमारी के मामले में ये वेटिंग पीरियड 36 से 48 महीने और मोतियाबिंद, हर्निया, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट आदि जैसे खास इलाज में ये 24 महीने होगा, लेकिन Niva Bupa ReAssure 2.0 Health Insurance की एक अच्छी बात ये है कि कुछ स्थितियों में बचा हुआ सम इंश्योर्ड अगले पॉलिसी ईयर में कैरी फॉरवर्ड हो जाएगा.
एक और प्लान HDFC Ergo Optima Restore Health Insurance की बात करें तो इसमें 3 लाख रुपए से 50 लाख रुपए के बीच सम इंश्योर्ड मिलता है, लेकिन अनलिमिटेड रेस्टोरेशन अलग से लेना पड़ता है. ये 3 साल के बाद ही प्री-एक्जिस्टिंग डिजीजेज को कवर करना शुरू करता है. कुल मिलाकर हेल्थ इंश्योरेंस में सुरक्षा कवर बढ़ाने के लिए रिस्टोरेशन अच्छी सुविधा है, लेकिन इलाज के लिए सिर्फ इसी के भरोसे न रहें. रिस्टोरेशन के इस्तेमाल के लिए कई तरह की शर्तें जुड़ी होती हैं. इस वजह से यह सुविधा कई बार काम नहीं आ पाती.
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