अधिकतर भारतीय पैरेंट अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं. महंगी होती पढ़ाई, कम बचत और जीवन के प्रति अनिश्चितता की वजह बच्चों की शिक्षा चुनौतीभरा काम होता है. इसलिए, ऐसे उत्पादों में निवेश की सलाह दी जाती है, जिसमें आपको समय-समय में पर एक नियमित पैसा प्राप्त होता रहे. ताकि इसका उपयोग बच्चों के लिए किया जाए.
ऐसे ही उत्पादों में से एक ‘प्रीमियम पर छूट’ का विकल्प है. यह बच्चों से संबंधित प्लान में अपनी तरह का अलग प्लान है. इसमें दोहरी सुरक्षा मिलती है. यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है तो इसमें दो पेआउट मिलते हैं. यदि पैरेंट के साथ कुछ अनहोनी हो जाती है तो इसमें प्रीमियम भरने की छूट होती है, ताकि बच्चों पढ़ाई पर कोई असर न पड़े.
यह अलग क्यों है
एक नियमित बीमा पॉलिसी में यदि पॉलिसी की अवधि के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाए या फिर पॉलिसी मैच्योर हो जाए तो ऐसी बीमा पॉलिसी बंद हो जाती है. लेकिन बच्चों के इस प्लान को दूसरी तरह से तैयार किया गया है. इसमें पॉलिसीधारक की मृत्यु होने पर बीमा कंपनी नॉमिनी को भुगतान करती है. यह बंद नहीं होता. आगे के प्रीमियम पर छूट होती है. और मैच्योर होने तक चलता रहता है. साथ ही इसमें कई राइडर के भी विकल्प मौजूद हैं. जिसके तहत बच्चों की कोचिंग शुल्क आदि को भी कवर किया जा सकता है.
Published - August 18, 2021, 01:50 IST
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