अमित ने पिछले महीने नई कार ली है. पूरे परिवार को इससे अथाह लगाव है. एक दिन अचानक यह कार बाइक से टकरा गई. इससे कार की बॉडी कई जगह से पिचक गई. अमित समझ नहीं पा रहे हैं कि इसे सही कराने के लिए बीमा क्लेम लें या नहीं… अगर क्लेम लिया है तो इसका पॉलिसी रिन्यू कराते समय प्रीमियम पर क्या असर पड़ेगा? अगर आपकी भी बीमा क्लेम से जुड़ी इसी तरह की कोई उलझन है तो आइए हम बताते हैं.
क्या है नुकसान? अगर अमित की कार को छोटा-मोटा नुकसान हुआ है और उसे सही कराने का खर्च 15000 रुपए के आसपास आ रहा है तो उन्हें इस नुकसान के लिए बीमा कवर नहीं लेना चाहिए. अगर वह इस क्लेम को लेते हैं तो उन्हें आगे चलकर नो क्लेम बोनस यानी NCB का लाभ नहीं मिलेगा. नियमों के तहत सभी जनरल इंश्योरेंस कंपनियां पहले साल में कोई क्लेम नहीं लेने पर अगले साल के प्रीमियम में 20 फीसद का डिस्काउंट देती हैं. अगर आप लगातार कोई क्लेम नहीं लेते हैं तो प्रीमियम में छूट की रकम बढ़ती जाएगी. पांचवें साल के बाद यह डिस्काउंट बढ़कर 50 फीसद पर पहुंच जाएगा.
NCB की कितनी छूट क्लेम फ्री ईयर NCB पहला साल 20% दूसरा साल 25% तीसरा साल 35% चौथा साल 40% पांचवां साल 50% source: hdfcergo.com
कैसे कैलकुलेट होता है NCB? उदाहरण के लिए अगर अमित ने पहले साल का प्रीमियम 35,000 रुपए दिया है. इसमें ऑन डैमेज का 30,000 और थर्ड पार्टी का 5000 रुपए का हिस्सा है. अगर वह पहले साल कोई क्लेम नहीं लेते हैं तो उन्हें अगली साल पॉलिसी रिन्यू कराने पर उन्हें NCB के रूप में 20 फीसद यानी 6,000 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा. ऐसे में सवाल यह है कि अमित को अगर 6,000 रुपए की बचत हो रही है और गाड़ी सही कराने में 15,000 रुपए खर्च हो रहे हैं तो फिर क्या फायदा? दरअसल, अगर आपने पहले साल में क्लेम ले लिया तो दूसरे साल में 25 फीसद का डिस्काउंट नहीं मिलेगा. इस तरह वह 30,000 रुपए के प्रीमियम पर 25 फीसद की छूट से वंचित रह जाएंगे. इससे उन्हें 7500रुपए का नुकसान हो सकता है. अगर कोई क्लेम नहीं लिया है तो पांचवें साल के बाद पॉलिसी रिन्यू कराने पर 50 फीसद की छूट मिलेगी. मान लीजिए कि अमित की कार के पांचवें साल का प्रीमियम 20,000 रुपए है तो उन्हें NCB डिस्काउंट के बाद 10,000 रुपए का ही भुगतान करना होगा. ध्यान रखें, NCB डिस्काउंट ऑन डैमेज बीमा की राशि के हिस्से पर मिलता है. थर्ड पार्टी बीमा कवर के प्रीमियम पर यह छूट नहीं मिलती.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट? इंश्योरेंस एक्सपर्ट विकास सिंघल कहते हैं कि जब आप नई कार खरीदते हैं तो उसके साथ ऑन डैमेज और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेते हैं. इस बीमा के साथ कुछ एड ऑन भी मिलते हैं. इनके लिए कुछ अतिरिक्त रकम चुकानी होती है. इनमें से जीरो डिप्रिसियेशन काफी उपयोगी साबित होता है. अगर आपकी कार को छोटी-मोटी क्षति पहुंची है उसका खर्च 10 से 15 रुपए का आ रहा है तो इसके लिए क्लेम लेने में कोई समझदारी नहीं है. अगर वर्कशॉप में बीमा क्लेम 12,000 रुपए आ रहा है और आप इसे अपनी जेब से कराते हैं तो संभव है कि मोलभाव करने पर यह काम 8,000 रुपए में ही हो जाए. इस क्लेम के लिए आपको भविष्य में अपने नो क्लेम बोनस से वंचित नहीं होना चाहिए.
सिंघल कहते हैं कि कई बार बीमा क्लेम को देखते हुए वर्कशॉप में अनाप-शनाप एस्टीमेट बना देते हैं. इस मोर्चे पर आपको सतर्क रहना चाहिए. बेहतर रहेगा कि पहले बिना क्लेम के एस्टीमेट बनवाएं. इससे आपको अंदाजा हो जाएगा कि वास्तविक खर्च कितना है. इसके बाद क्लेम के लिए अप्लाई करेंगे डिडक्टिबल के रूप में भी बचत कर सकते हैं.
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