car insurance: मॉनसून के दौरान भारी बारिश, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से कार को नुकसान पहुंचने की आशंका ज्यादा रहती है. कार इंश्योरेंस (car insurance) कराकर लोगों को लगता है कि सभी प्रकार के एक्सीडेंट्स और नुकसान को ये कवर करेगा, लेकिन ऐसा नहीं होता है. इसीलिए आप ऐसा कार बीमा खरीदें, जिसमें भारी इंजन कवर भी शामिल हो. अधिकांश इंश्योरेंस कंपनियां प्राकृतिक विपत्ति में होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं करती हैं.
इंजन प्रोटेक्टर ऐड-ऑन इंश्योरेंस
बाढ़ की स्थिति में गाड़ी खराब होने पर आप इंजन प्रोटेक्टर ऐड-ऑन इंश्योरेंस (add-on car insurance) ले सकते हैं. इस तरह के इंश्योरेंस से फायदा ये होता है कि बाढ़ आने पर गाड़ी को जो भी नुकसान होता है उससे बच सकते हैं और नुकसान के लिए इंश्योरेंस कंपनी पर क्षतिपूर्ति के लिए दावा कर सकते हैं.
ऐड-ऑन इंश्योरेंस (add-on car insurance) आपको इंजन के खराब होने से लेकर मोटर पार्ट्स तक के खराब होने की स्थिति में सभी तरह के नुकसान को कवर करने में मदद करता है.
ऐड-ऑन इंश्योरेंस के फायदे
इंजन में पानी से जुड़े मूलभूत नुकसान को कवर करता है. टूट-फूट या प्लास्टिक/रबर, फाइबर, धातु और पेंट जैसे पार्ट को बदलने के कारण होने वाले नुकसान की लागत को कम करने में मदद करता है.
ऐड-ऑन इंश्योरेंस (add-on car insurance) से दुर्घटना के अलावा किसी भी तरह का गाड़ी में हुए नुकसान के लिए इंश्योरेंस क्लेम किया जा सकता है. इलेक्ट्रॉनिक सर्किट को इंश्योरेंस से प्रोटेक्शन देता है. गाड़ी का किसी भी तरह का नुकसान होने पर पूरे पैसे बिना किसी डेप्रीसिएशन क्लेम कर सकते हैं.
24*7 रोड साइड असिस्टेंस
बाढ़ या जल भराव के कारण आपके वाहन के बंद होने, रास्ते में कार खराब होने, ईंधन खत्म होने, बैटरी खराब होने या किसी मुश्किल में रोड साइड असिस्टेंस बड़े काम की होती है. ये ऐड-ऑन होती है, जो ऑन-कॉल मिलती है. मॉनसून में यह सुविधा जरूरी है. इसमें कार ऑन द स्पॉट सही नहीं हो पाती है तो उसे उठाकर नजदीकी सर्विस सेंटर तक ले जाया जाता है.
इन बातों का रखें ध्यान
हमेशा बारिश वाले जगह पर पहले या दूसरे गीयर में ही गाड़ी चलाएं.
इंजन में पानी चले जाने पर कार स्टार्ट न करें.
अगर कार एक बार में स्टार्ट न हो तो बार-बार प्रयास न करें. इससे क्लेम मिलने में मुश्किल आती है.
रास्ते में जमा पानी टायर के ऊपर पहुंचने लगे तो कार को बंद कर दें.
बैटरी को जितनी जल्दी हो सके डिस्कनेक्ट करें.
बीमा कंपनी (car insurance) को फोन पर इसकी जानकारी दें और आगे क्या करना है ये जरूर पूछें.
हो सके तो लोहे का कोई भारी इक्विप्मेंट या हथौड़े जैसी चीज अपने पास रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर या गाड़ी के लॉक हो जाने पर शीशों को तोड़ा जा सके.
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