Bumper To Bumper Insurance: मद्रास हाईकोर्ट ने अपने 4 अगस्त के उस आदेश को वापस ले लिया है जिसमें उसने 1 सितंबर, 2021 से बेचे गए नए वाहनों के लिए पांच साल का बंपर-टू-बंपर बीमा (Bumper To Bumper Insurance) अनिवार्य किया था. सुनवाई के दौरान, अदालत ने स्पष्ट किया था कि उसका उद्देश्य केवल यात्रियों की सुरक्षा है. IRDA और अन्य ने हाईकोर्ट के इन निर्देशों को लागू करना असंभव बताया था. बंपर-टू-बंपर बीमा में नए वाहनों के मेटल, फाइबर और रबर से बने पार्ट्स पर होने वाले नुकसान का 100% कवरेज मिलता है.
जस्टिस एस वैद्यनाथन ने कहा, अदालत को लगता है कि इस साल 4 अगस्त को पैराग्राफ 13 में जारी निर्देश मौजूदा स्थिति में लागू करना संभव नहीं है (may not be conducive and suitable for implementation in the current situation).
इसलिए, उस पैरा में उक्त निर्देश को वर्तमान (present) के लिए वापस लिया जाता है. कोर्ट ने आशा व्यक्त की कि संसद वाहनों के व्यापक कवरेज से संबंधित अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता की जांच करेगी.
जज ने कहा कि निर्देशों को वापस लेने के साथ ही जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर का इस संबंध में जारी आदेश भी रद्द हो जाता है.
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI), जनरल इंश्योरेंस कंपनी (GIC) और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) की दलीलों को मानते हुए अपने आदेश को वापस लिया है.
IRDAI, GIC और SIAM ने कहा कि वर्तमान कानूनी व्यवस्था में प्रभावी कार्यान्वयन के लिए बंपर टू बंपर पॉलिसी के कवरेज को अनिवार्य करने वाला आदेश तार्किक और आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं है.
इसलिए, कोर्ट के जारी निर्देशों को पॉलिसीधारकों, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और आम जनता के हित में वापस लिया जा सकता है.
बंपर टू बंपर बीमा एक प्रकार का कार इंश्योरेंस है जो वाहन को उसके पार्ट्स के डेप्रिसिएशन के बावजूद पूर्ण कवरेज प्रदान करता है.
इसलिए, जब दुर्घटना के बाद आपके वाहन को कोई नुकसान या क्षति होती है, तो बीमाकर्ता कवरेज (कार बैटरी और टायर को छोड़कर) से डेप्रिसिएशन वैल्यू नहीं घटाता.
सबसे अच्छी बात यह है कि आपका मोटर बीमाकर्ता व्हीकल के बॉडी पार्ट्स को बदलने की पूरी लागत का भुगतान करता है. यहां ये भी याद रखें कि यह ऑइल लीकेज या पानी के प्रवेश के कारण इंजन की क्षति को कवर नहीं करता है.
बंपर टू बंपर इंश्योरेंस के कारण वाहन खरीदने वालों पर एक साथ बड़ा बोझ पड़ता, जिसका ऑटो कंपनियों ने विरोध किया था. 5 साल का बंपर टू बंपर इंश्योरेंस कराने के बाद वाहनों की कीमत 50,000 रुपये से बढ़कर 2,00,000 रुपये हो गई थी.
नई कार खरीदने वाले के लिए यह बड़ी राहत है क्योंकि उनपर अब बीमा का कोई बड़ा बोझ नहीं पड़ेगा.
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