आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (पीएम-जेवाई) के आज तीन साल पूरे हो गए हैं. इस योजना से अब तक 2.19 करोड़ मरीजों को अस्पताल में दाखिला मिला है. इस मौके पर गुरुवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट करके कहा कि आयुष्मान भारत योजना पिछले तीन सालों से गरीबों के इलाज में अहम भूमिका निभा रही हैं. दवाओं की लागत, उपचार सहित विभिन्न प्रकार के खर्च की चिंता से मुक्त करते हुए यह योजना गरीब को बेहतर इलाज सुनिश्चित कर रही है. इस योजना के तहत हर मिनट 14 लोगों को अस्पताल में दाखिला मिल रहा है.
दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति का जीवन स्तर को सुधारने की है. आयुष्मान भारत योजना से करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध हुई है और निरंतर यह योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है. उन्होंने कहा कि यह योजना उन गरीबों का बेहतर इलाज सुनिश्चित कर रही है, जिन्हें महंगा इलाज और दवाएं नहीं मिल पा रही हैं. यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिससे 50 करोड़ लाभार्थी मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्राप्त कर सकते हैं.
इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में है लागू
आकाशवाणी से विशेष बातचीत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आर.एस. शर्मा ने इस मौके पर कहा, अपने लॉन्च के तीन वर्षों में, इस योजना ने गरीबों के लिए इन-पेशेंट स्वास्थ्य देखभाल की समान पहुंच की चुनौती का समाधान करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. पश्चिम बंगाल, ओडिशा और दिल्ली को छोड़कर, बाकि सभी 33 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस योजना को लागू कर चुके हैं.
क्या है आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना?
जानकारी के लिए बता दें कि इस योजना में सभी बीमारियों को शामिल किया गया है. इसमें दवाओं की लागत, डे केयर उपचार और निदान भी कवर किया जाता है. इस योजना के तहत 24 हजार अस्पतालों को पैनलबद्ध किया गया है. कैशलेस हेल्थ केयर सेवाएं प्रदान की जाती है. इस योजना की शुरूआत 23 सितंबर 2018 को झारखंड से की गई थी.
आयुष्मान भारत (पीएम-जेवाई)दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन योजना है, जिसका उद्देश्य प्रति परिवार हर वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ़्त इलाज सुनिश्चित करना है.
यह सुविधा 10.74 करोड़ से भी अधिक गरीब और वंचित परिवारों (या लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों को) मुहैया कराई जा रही है, जो भारतीय आबादी का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा हैं.
आयुष्मान भारत के लिए कौन पात्र है?
इस योजना में ग्रामीण परिवारों को उनकी सात अभाव मानदंड (D1 से D7) की स्थिति की रैंक के आधार पर शामिल किया गया है. इसके अलावा शहरी परिवारों को व्यवसाय श्रेणियों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है.
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