Air Ticket Cancellation Policy: ये कहने की जरूरत नहीं है कि कोरोना महामारी ने पूरी मानव जाति को बुरी तरह प्रभावित किया है, व्यापार में इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हवाई यात्रा हुई. कोरोना के कारण लगी पाबंदियों के चलते लोगों ने अपनी यात्रा को टाल दिया या तारीख बदल दीं. लेकिन इसके बाद क्या हुआ, क्या हवाई यात्रियों को टिकट का रिफंड हासिल हुआ या बदले में एयरलाइंस या एजेंट ने पसंद की टिकट मुहैया कराई? कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकलसर्किल ने सर्वे कर जाना जिन लोगों की हवाई टिकट कैंसल हुई, क्या उन्हें रिफंड हासिल पो पाया. कई लोगों ने एयरलाइंस द्वारा प्रताड़ित करने और रिफंड को लेकर कोई सफाई न देने की बात की.
लोकलसर्किल सर्वे के मुताबिक, तकरीबन 90% लोग, जिनकी कोरोना महामारी के दौरान फ्लाइट कैंसल हुई उन्हें अगली टिकट बुक कराने या या पूरा रिफंड हासिल करने में किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ा है. वो लोग चाहते हैं कि सरकार कोरोना महामारी के दौरान कैंसल हुई हवाई टिकटों को लेकर विशेष पॉलिसी बनाए.
सर्वे के मुताबिक सर्वे में शामिल हुए 8713 लोगों में से महज 12-13% लोग ऐसे थे, जिन्होंने माना कि टिकट कैंसल होने के बाद उन्हें समय पर और पूरा रिफंड हासिल हुआ. जबकि जवाब देने वाले 32 फीसदी लोगों ने माना कि उन्हें कोई रिफंड हासिल नहीं हुआ और पूरी टिकट के पैसे गंवाने पड़े.
सर्वे में शामिल 12 फीसदी लोगों माना कि ट्रैवल एजेंट या एयरलाइंस ने उनका कैंसिलेशन स्वीकार तो किया लेकिन उन्हें पूरा रिफंड हासिल नहीं हुआ. जबकि 4 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें रिफंड के रूप में बस थोड़ी सी रकम हासिल हुई है. सर्वे में शामिल बाकी शेष 24 फीसदी लोगों ने माना कि उन्हें कोई रिफंड तो हासिल नहीं हुआ लेकिन बाद में उन्हें टिकट दे दी गई.
इन हालातों का जायजा लेते हुए और हवाई यात्रियों की प्रताड़ना से बचाने के लिए सरकार नीतिगत उपाय और कैंसिलेशन को लेकर नीति बनाए जाने की जरूरत है. जो एयरलाइंस, रेलवे, होटल और अन्यों पर भी लागू होती हो.
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