लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के जरिए आपकी लाइफ सिक्योर करती हैं जिसके लिए आपको समय-समय पर प्रीमियम भरना पड़ता है. प्रीमियम पॉलिसी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन जब आप समय पर भुगतान करने में कामयाब नहीं रहते हैं तो आपकी पॉलिसी लैप्स हो जाती है. इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI ने साफ किया है कि एक इंश्योरेंस पॉलिसी को ‘लैप्स’ माना जाता है यदि प्रीमियम का पेमेंट ग्रेस पीरियड के अंदर नहीं किया जाता है, जो कि एनुअल, हाफ ईयरली और क्वाटरली रिन्यूअल के मामले में 30 दिन होता है और मंथली रिन्यूअल के लिए 15 दिन है.
हालांकि ये एक अच्छी बात यह है कि लैप्स पॉलिसियों को रिवाइव यानी फिर से शुरू किया जा सकता है. प्रोबस इंश्योरेंस के डायरेक्टर राकेश गोयल कहते हैं, लैप्स हो चुकी पॉलिसी को इनके पहले अनपेड प्रीमियम की तारीख से पांच साल के अंदर किसी भी समय रिवाइव किया जा सकता है. एक लैप्स पॉलिसी को फिर से शुरू करने के लिए, आपको इंटरेस्ट के साथ अनपेड प्रीमियम का भुगतान करना होगा.
उन्होंने बताया कि ये रेट समय-समय पर इंश्योरेंस कंपनियों की ओर से तय किए जाते हैं. वर्तमान में, कंपनी द्वारा चार्ज किया जाने वाला इंटरेस्ट रेट 8-9% के बीच हैं.
आमतौर पर, 10 साल की गवर्नमेंट सिक्योरिटी पर इंटरेस्ट रेट 3% से ज्यादा होता है. ऐसा भी हो सकता है कि इंश्योरेंस कंपनियां एक स्पेशल रिवाइवल पीरियड लॉन्च करें, जिसके दौरान वो इंटरेस्ट रेट पर छूट ऑफर करती हैं.
उदाहरण के लिए, जीवन बीमा निगम (LIC) ने 23 अगस्त, 2021 को एक स्पेशल रिवाइवल कैंपेन शुरू किया, जो इंडिविजुअल लैप्स पॉलिसी के लिए 22 अक्टूबर, 2021 तक जारी रहेगा.
LIC का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए टर्म इंश्योरेंस और हाई रिस्क प्लान को छोड़कर सभी इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए लेट फीस में छूट दी जा रही है. ये छूट भुगतान किए गए कुल प्रीमियम पर निर्भर करेगी.
हालांकि, LIC के मुताबिक मेडिकल रिक्वायरमेंट पर कोई छूट नहीं मिलेगी. वहीं एलिजिबल हेल्थ और माइक्रो इंश्योरेंस प्लान में भी लेट फीस पर छूट मिलेगी.
आपके पास टर्म इंश्योरेंस और मल्टीपल रिस्क पॉलिसियों जैसे हाई रिस्क प्लान के अलावा LIC का लाइफ कवर है, तो आप कंपनी से संपर्क कर सकते हैं.
गोयल कहते हैं, लैप्स पॉलिसी को फिर से शुरू करने या फिर उसकी जगह नई पॉलिसी खरीदने के अपने अलग फायदे और नुकसान हैं.
लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा ऑर्गनाइज रिवाइवल कैंपेन के दौरान पॉलिसी को रिवाइव करना सबसे अच्छा है क्योंकि वो पेनल्टी चार्ज छोड़ देते हैं और कई केसेस में मेडिकल चैकअप भी छोड़ देते हैं.
आमतौर पर, अधिकांश लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां दो से पांच साल के दौरान पॉलिसी को रिवाइव करने की इजाजत देती हैं.
रिवाइवल हर समय इतना आसान नहीं होता है. गोयल के मुताबिक, अगर इंश्योरेंस कंपनियों को लगता है कि रिस्क ज्यादा है, तो वो पॉलिसी होल्डर को हेल्थ चेकअप या अपनी अच्छी हेल्थ का डिक्लेरेशन जमा करने के लिए कह सकती हैं.
यह फ्रेश असेसमेंट और नई अंडरराइटिंग के साथ एक नई पॉलिसी खरीदने के समान है. अगर पॉलिसी होल्डर छूटे हुए प्रीमियम का पूरा भुगतान करते हैं तो उन्हें पॉलिसी पूरी होने पर पॉलिसी के सभी बेनिफिट मिलेंगे.
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