सरकार और बीमा नियामक के प्रयासों के बावजूद देश की लगभग 95 फीसद आबादी का बीमा नहीं है. राष्ट्रीय बीमा अकादमी ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के चेयरमैन देवाशीष पांडा ने यह रिपोर्ट जारी की. इस मौके पर उन्होंने उद्योग से उन कदमों का अनुकरण करने का आग्रह किया, जिनकी मदद से यूपीआई, बैंक खाते खोलने और साथ ही मोबाइल पहुंच बढ़ाने में भारी सफलता मिली.
पांडा ने कहा कि उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में एक अनिवार्य प्राकृतिक आपदा बीमा की जरूरत है और इस रिपोर्ट में इसकी सिफारिश भी की गई है. सभी के लिए बीमा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ऐसा करना जरूरी है. रिपोर्ट के मुताबिक, देश की 144 करोड़ आबादी में 95 प्रतिशत आबादी बीमा के दायरे में नहीं है. देश में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं और अन्य जलवायु संबंधी आपदाओं की संख्या में वृद्धि के मद्देनजर बीमा प्रसार को बढ़ाना महत्वपूर्ण है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि निम्न और मध्यम आय वर्ग के 84 प्रतिशत लोगों और तटीय क्षेत्रों, दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों के 77 प्रतिशत लोगों के पास बीमा का अभाव है. रिपोर्ट के मुताबिक, 73 प्रतिशत आबादी स्वास्थ्य बीमा के दायरे में नहीं है और इस दिशा में सरकार, गैर सरकारी संगठनों और उद्योग समूहों के बीच सहयोग बढ़ने की जरूरत है.