कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का देशभर में वितरण और टीकाकरण तेजी से शुरू हुआ और स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक 16 जनवरी से शुरू हुए वैक्सिनेशन ड्राइव में अब तक करीब 87,20,822 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. अब दूसरा डोज भी लगना शुरू हो गया है. लेकिन दूसरे डोज को लेकर कई चिंताएं बनी हुई हैं.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक वैक्सीन (Vaccine) का पहला डोज पाने वाले 61,54,894 हेल्थकेयर वर्कर्स में से सिर्फ 97,732 को दूसरा डोज दिया गया है.
वहीं न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक दिल्ली में 13 फरवरी तक कोरोना वैक्सीन (Vaccine) का दूसरा डोज लेने के लिए सिर्फ 43 फीसदी लोग ही पहुंचे जिन्हें पहला डोज दिया जा चुका था. 16 जनवरी को पहला डोज मिलने के बाद सिर्फ 1,856 हेल्थकेयर वर्कर ही दूसरा डोज लेने पहुंचे. वहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक 15 फरवरी को कोविन ऐप में तकनीकी खामी की वजह से महाराष्ट्र में सिर्फ 25 फीसदी लोग ही दूसरा डोज ले पाए जबकि मुंबई में दूसरा डोज लेने वालों का आंकड़ा सिर्फ 4 फीसदी रहा.
कोरोना वैक्सीन (Vaccine) के पहले डोज के 28 दिन के अंतराल के बाद दूसरा डोज दिया जाता है.
दिल्ली मेडिकल काउंसिल की साइंटिफिक कमिटी के चेयरमैन डॉक्टर नरेंद्र सैनी का कहना है कि अगर दूसरा डोज लेने में देरी होने पर वैक्सीन का असर उतना अच्छा ना रहे जितना होना चाहिए. कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज बूस्टर डोज का काम करता है यानि आपकी इम्यूनिटी को और मजबूत करता है ताकि बीमारी के खिलाफ लड़ने की क्षमता बढ़ सके. पहले डोज से आई इम्यूनिटी को दूसरा डोज और मजबूत करता है. जिन्होंने दूसरा डोज नहीं लिया उन्हें जब भी दूसरी बार मौका मिले जाना चाहिए.
डॉक्टर सैनी का कहना है कि अगर वैक्सीन लगवाने में कोई झिझक है तो इसका कारण भी वो भी हेल्थ सेंटर पर आकर जानकारी दें ताकि इसका हल निकाला जा सके. दूसरा डोज ना लेने पर पहला डोज लेने का फायदा कम हो जाएगा. फिलहाल 28 दिन का अंतराल रखा गया है, लेकिन 1 से 2 हफ्ते की देरी भी चलेगी. देरी से कोई दिक्कत नहीं क्योंकि वैक्सीन पर रिसर्च भी साथ साथ चल रहे हैं.
सरकार दोबारा देगी मौका
कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉ. वी के पॉल और एम्स नई दिल्ली के डॉ. नीरजा भाटला ने प्रसार भारती न्यूज सर्विस को दिए बयान में बताया है, “अगर वैक्सीन (Vaccine) की दूसरी डोज लेने के लिए आप निर्धारित तारीख पर नहीं आ पायेंगे तो आपको दोबारा सूचित किया जाएगा. साथ ही उनको अगली लिस्ट में सूचिबद्ध कर दिया जाएगा. उनको दूसरी डोज के लिए पूरा मौका दिया जाएगा.”
डॉ. पॉल ने कहा है कि इस वक्त सरकार का फोकस स्वास्थ्य कर्मियों की दूसरी डोज पर है. प्रयास है कि जल्द से जल्द 50 वर्ष की आयु से अधिक वाले लोगों का टीकाकरण शुरू कर दें. इसके अलावा सरकार टीकाकरण केंद्र बढ़ा कर वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाने के लिए प्रयासरत है.
डॉक्टर सैनी ने भरोसा जताया है कि अब तक के डाटा और रिसर्च के मुताबिक वैक्सीन (Vaccine) कारगर और सुरक्षित है. इस वजह से वैक्सीन लगवाने से कतराना नहीं चाहिए कि अब कोरोना संकट कम हुआ क्योंकि कोरोना को पूरी तरह खत्म करने के लिए वैक्सिनेशन जरूरी है.