बढ़ती उम्र में आंखों का ऐसे रखें ध्‍यान, नहीं होगी कोई समस्‍या

बढ़ती उम्र का प्रभाव आंखों (Eyes) पर पड़ता है, ऐसे में कौन-कौन सी बीमारियां आंखों को प्रभावित करती हैं, उन्हें जानना जरूरी है.

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Pixabay -

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बढ़ती उम्र का प्रभाव आंखों (Eyes) पर पड़ता है, ऐसे में कौन-कौन सी बीमारियां आंखों को प्रभावित करती हैं, उन्हें जानना जरूरी है. दरअसल उम्र बढ़ने के साथ ही आंखों (Eyes) में समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है. खास तौर पर उन लोगों को जो डायबिटीज या ब्लड प्रेशर से ग्रस्त है. ऐसे लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है.

आरएमएल अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. शिखा जैन बताती हैं कि 40 साल की उम्र पार करने वालों को रेगुलर स्क्रीनिंग करानी चाहिए, क्योंकि इसी उम्र में आंखो (Eyes) से संबंधित समस्या आनी शुरू हो जाती है.

बढ़ती उम्र में आने वाली आंखों की समस्या
– 40 की उम्र के बाद नजर कमजोर होना
– प्रेस्बायोपिया में नजदीक का पढ़ने में समस्या। इसमें चश्मे के लिए जांच जरूरी है
– मधुमेह या उच्च रक्तचाप होने पर आंखों की समस्या का खतरा
– सफेद मोतिया या काला मोतिया
– कालामोतिया में आंखों में दर्द के लक्षण
– सफेद मोतिया में बिना दर्द के कम दिखना

इन तमाम बढ़ती उम्र की बीमारियों के आलावा आज कल बदलती जीवन शैली में आंखों (Eyes) के पर्दे में सूखापन भी देखने को मिलता है. ये सभी ऐसी बीमारी हैं, जो पर्दे में खून ला सकती हैं और अचानक ही आंख की रोशनी कम हो जाती है. इन लक्षणों को अगर शुरुआती दौर में ही पहचान कर इलाज शुरू कर दें तो बढ़ने से रोक सकते हैं.

डॉ. शिखा कहती हैं कि नजर का एकदम से कम दिखना या धीरे-धीरे धूमिल होना, पास या दूर का कम दिखना, आंख में पानी आना, लाली आना या आंखों में दर्द होता है तो उसे नजरअंदाज न करें और तुरंत जांच कराएं.

आंख की समस्या से बचाव
– मधुमेह और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखना जरूरी
– नेत्र रोग विशेषज्ञ को नियमित रूप से दिखाएं
– आंख की समस्या को नजरअंदाज न करें
– लक्षणों की जल्द से जल्द पहचानें और तुरंत इलाज करायें
– 40 साल की उम्र के बाद हर साल आंखों की जांच कराएं
– नियमित जांच से सफेद मोतिया और कालामोतिया की जल्द जांच संभव

Published - March 9, 2021, 04:07 IST