कोरोना काल में जहां एक ओर आर्थिक मंदी बढ़ी और लोगों की नौकरी गई. वहीं दूसरी ओर इसके चलते लोगों की जिंदगी में हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) भी एक जरूरी पहलू बन गया है. कोरोना महामारी ने हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) को लेकर लोगों के बीच काफी जागरूकता ला दी है. इससे अचानक को हेल्थ से संबंधित समस्या होने पर लोगों को समस्या नहीं होगी. वहीं उनके द्वारा की गई सेविंग भी खत्म नहीं होगी. लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) पॉलिसी लेने के दौरान जल्दबाजी में कई बार लोग सामान्य गलतियां कर जाते हैं. लोगों की यही गलतियां दावा करते समय काफी महंगी साबित होती हैं. ऐसे में स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) पॉलिसी खरीदने से पहले कुछ सामान्य गलतियों से बचना चाहिए. अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने जा रहे हैं तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें.
अच्छी पॉलिसी चुने
हममें से अधिकांश व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) खरीदने पर विचार नहीं करते हैं बल्कि हम सोचते हैं कि ग्रुप इंश्योरेंस ही जरूरत के समय पर्याप्त होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. ये बीमा खरीदते समय होने वाली सामान्य गलतियों में से एक है. इसी वजह है कि ग्रुप इंश्योरेंस आपको नौकरी के बीच या आपकी सेवानिवृत्ति के बाद कवर नहीं करेगा. इसलिए पर्याप्त कवरेज के साथ एक व्यक्तिगत नीति होना जरूरी है. औसत कवर लगभग 3 से 5 लाख रुपये है, लेकिन यह देखते हुए कि स्वास्थ्य सेवा की लागत बढ़ रही है, उच्च राशि के लिए कवर लेना जरूरी है.
उदाहरण के लिए, पॉलिसीबाजार की वेबसाइट पर बेची गई कुल स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में से, 35% उन पॉलिसियों के लिए है, जिनमें बीमित राशि 5 लाख है. वहीं 1 करोड़ रुपये का कवर 15% है. पॉलिसीबाजार डॉट कॉम में हेल्थ इंश्योरेंस के हेड अमित छाबड़ा के मुताबिक, वर्ष 2020 किसी और वर्ष की तरह नहीं था. यह एक ऐसा वर्ष था जिसमें न केवल एक छोटे से वायरस ने दुनिया को बदलते हुए देखा, बल्कि स्वास्थ्य बीमा के महत्व और जरूरत के बारे में हमारी धारणाओं को भी बदल दिया. महामारी के दौरान, अस्पतालों का बिल 25 लाख रुपये तक चला गया जिसके चलते बहुत से लोगों को परेशानी हुई. लोगों की इन चिंताओं को दूर करने के लिए, बाजार में बहुत मामूली कीमत पर कई स्वास्थ्य बीमा योजनाएं उपलब्ध हैं, जो ग्राहकों को 1 करोड़ रुपये तक का व्यापक कवरेज देती हैं.
क्लेम रेशियो
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने हाल ही में उन दावों पर आंकड़े पेश किए हैं, जिनसे पता चलता है कि IFFCO टोकियो जनरल इंश्योरेंस का उच्चतम दावा अनुपात 96.33% है. वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बीमाकर्ताओं में ओरिएंटल इंश्योरेंस का अनुपात सबसे ज्यादा 93.96% है, इसके बाद न्यू इंडिया, नेशनल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया में क्रमशः 92.68%, 83.78% और 78.03% हैं. बजाज एलियांज 92.24% के साथ निजी बीमा के साथ दूसरे स्थान पर है.
IRDA की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, “2019-20 के दौरान, सामान्य और स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं ने 1.67 करोड़ स्वास्थ्य बीमा दावों का निपटान किया और स्वास्थ्य बीमा दावों के निपटान की दिशा में 40,026 करोड़ रुपये का भुगतान किया. इसमें प्रति दावा भुगतान की गई औसत राशि 23,866 रुपये थी. कई दावों के संदर्भ में, 70% दावों का निपटान टीपीए के माध्यम से किया गया.
मेडिकल हिस्ट्री को साझा नहीं करना
दावों की अस्वीकृति के कारणों में से एक है कि लोग अपनी मेडिकल हिस्ट्री को साझा नहीं करते हैं. अक्सर यह देखा जाता है कि लोग पहले से मौजूद बीमारियों के बारे में नहीं बताते हैं. इसकी वजह है कि लोगों को यह डर होता है कि इससे प्रीमियम दरों में बढ़ोतरी हो सकती है. यह सामान्य गलतियों में से एक है क्योंकि आपके द्वारा मेडिकल हिस्ट्री के बारे में नहीं बताने से आपके दावे की अस्वीकृति हो सकती है वो भी तब जब आपको इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है. इसलिए, अगली बार पॉलिसी खरीदते समय, पहले से मौजूद बीमारियों जैसे कि मधुमेह और उच्च रक्तचाप के बारे में जरूर बताएं.
पॉलिसी के दस्तावेजों को ठीक से पढ़ें
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय उसके दस्तावेजों को ठीक से जरूर पढ़ें. लोग दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से पहले प्रत्येक नीति के नियमों और शर्तों एक बोझिल प्रक्रिया की तरह देखते हैं. लेकिन पॉलिसी के दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ने से आपको बाद में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. ऐसा नहीं करने पर कई बार लोग बाद में भुगतान करते समय खुद के साथ धोखा होने को महसूस करते हैं.
टैक्स लाभ के लिए न खरीदें पॉलिसी
हममें से ज्यादातर लोग टैक्स लाभ के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हैं. यह सही दृष्टिकोण नहीं है क्योंकि हम अक्सर जरूरी कवरेज की अनदेखी करते हैं. इसी के साथ ही नियम और शर्तों को पढ़ने से बचते हैं. स्वास्थ्य बीमा खरीदने का प्राथमिक उद्देश्य आपके परिवार को कवर करना होना चाहिए और कर लाभ माध्यमिक होना चाहिए. अंतिम लेकिन कम से कम, कभी भी स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान कैश में न करें.