साल 2021 की शुरुआत भारत ने एक उम्मीद के साथ की – जनवरी में ही भारत ने देशभर में वैक्सिनेशन ड्राइव (Covid Vaccination) की शुरुआत की. एक नहीं, भारत में ही बनी दो वैक्सीन के साथ देशभर के हेल्थ वरकर्स और कोरोना वॉरियर्स को प्राथमिकता देते हुए भारत ने कोविड के खिलाफ लड़ाई में बड़ा कदम उठाया. वैक्सिनेशन ड्राइव शुरू करने में भले ही भारत अमेरिका जैसी इकोनॉमिक ताकतों से पीछे रहा हो लेकिन अब उनकी बराबरी करने की कोशिश में जरूर है. वैक्सीन वितरण में सबसे बड़ी चुनौती भारत की आबादी है.
भारत की ताकत बनी कोविशिल्ड और कोवैक्सिन. सरकार के लॉन्च किए कोविन ऐप के जरिए इस बड़े वैक्सिनेशन ड्राइव की नींव बनी. सिरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर बनाई गई वैक्सीन कोविशिल्ड और भारत बायोटेक की डेवलेप की गई कोवैक्सिन कोरोना संकट की इस लड़ाई में हथियार बने.
वैक्सिनेशन ड्राइव (Covid Vaccination) शुरू करने के तकरीबन 1 महीने में ही भारत ने 1 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है. यानि देशभर में 1.17 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लगाया जा चुका है. गौर करने वाली बात ये है कि युनाइटेड किंग्डम ने 8 दिसंबर2020 को पहली बार वैक्सीन की शुरुआत की थी और अब तक वहां 1,77,23,840 लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है. हालांकि UK में ये कुल आबादी का एक तिहाई हिस्सा है. UK के प्रधानमंत्री जॉन बोरिस ने 31 जुलाई तक देश के सभी व्यसकों को वैक्सीन का पहला डोज लगाने का लक्ष्य रखा है. जबकि अमेरिका में अब तक करीब साढ़े 4 करोड़ लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लगाया गया है और दूसरा डोज तकरीबन 1.9 करोड़ लोगों को हासिल हुआ है.
अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक कुल आबादी के 13.3 फीसदी लोगों (44,138,118) को अब तक वैक्सीन का कम से कम पहला डोज मिल चुका है. वहीं 19,438,495 लोगों को दूसरा डोज दिया जा चुका है जो कुल आबादी का 5.9 फीसदी है. US ने 14 दिसंबर 2020 में ही वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया था जो भारत से लगभग 1 महीना पहले है. पहले डोज के तकरीबन 28 दिन बाद दूसरा डोज दिया जाता है.
भारत में भी दूसरा डोज देने की प्रक्रिया 13 फरवरी से शुरू कर दी गई है. भारत में सरकार ने अगस्त तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है और अब 50 वर्ष से ज्यादा के बुजुर्गों को भी वैक्सीन (Covid Vaccination) लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
अमेरिका में कोरोना संक्रमण से अब तक 5 लाख लोगों की जान चली गई है. व्हाइट हाउस में इस मौके पर आयोजित शोक समारोह में मौन रखा गया. US में किसी भी युद्ध ने जीवन की इतनी क्षति नहीं पहुंचाई जितनी कोरोना के कारण हुई है. कोविड के कारण जान गंवा चुके लोगों की संख्या द्वितीय विश्व युद्ध, वियतनाम युद्ध और कोरियाई युद्ध के दौरान मारे गए लोगों के बराबर हो गई है. अमेरिका में द्वितीय विश्व युद्ध 4,05,000 लोगों को लील गया था. वहीं भारत में अब तक 156567 लोगों की जान कोरोना की वजह से हुई है.
भारत में भी पिछले 1 हफ्ते से कोरोना संकट फिर से विकट रूप ले रहा है. महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों में रोकथाम के लिए नियम कड़े किए जा रहे हैं. पिछले 24 घंटों में 14,000 से ज्यादा नए मामले आना चिंता का विषय जरूर है. कुल मामलों की संख्या में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है लेकिन WHO के मुताबिक नए मामलों में भारत 6ठे स्थान पर है. US, ब्राजील, फ्रांस, इटली और रूस में पिछले 24 घंटों में आए नए मामले भारत से ज्यादा हैं.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना संकट में भारत दुनियाभर के लिए वैक्सीन कैपिटल बनकर उभरा है. उदाहरण के तौर पर छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट से ही जनवरी से अब तक देश-विदेश में 4.3 करोड़ वैक्सीन डोज भेजे जा चुके हैं. कुल 57 डेस्टिनेशन में से 29 डेस्टिनेशन इंटरनेशनल ही हैं. भारत ने अब तक करीब 20 देशों को वैक्सीन पहुंचाई है. SII ने हाल ही में कहा है कि सरकार ने उन्हें अब देश की आपूर्ती पर फोकस करने को कहा है. भारत की आबादी वैक्सिनेशन (Covid Vaccination) के लिए बड़ी चुनौती है, तो वहीं दूसरी तरफ पिछले 4 दिनों में कोरोना मामलों में आई बढ़त भी चिंता का सबब बन रही है.