हवा में मौजूद बैक्‍टीरिया को नष्‍ट कर देगी ये मशीन

Covid-19 के इस दौर ने हम सभी को वायरस से बच कर रहना तो सिखा दिया है, लेकिन एक डर है कि कहीं कोई वायरस हमें नुकसान न पहुंचा दे.

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Pic: Pixabay

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कोविड-19 (Covid-19) के इस दौर ने हम सभी को वायरस और बैक्‍टीरिया से बच कर रहना तो सिखा दिया है, लेकिन फिर भी मन में एक डर बना ही रहता है कि कहीं कोई वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करके नुकसान न पहुंचा दे. यही कारण है कि खतराक वायरस (Covid-19) और बैटीरिया को नष्‍ट करने की दिशा में दुनिया भर में तमाम लोग प्रयासरत हैं. इसी कड़ी में स्टार्टअप कंपनी एयरफिक सिस्टम्स के निदेशक अंकित शर्मा ने एक पहल की है, जिसमें उन्‍होंने एक ऐसी मशीन बनायी है जो हवा में मौजूद बैक्‍टीरिया को नष्‍ट कर सकती है.

दरअसल पूरी दुनिया इस समय कई तरह के संक्रमाक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही है, कहीं न कहीं इसकी मुख्य वजह वायु में मौजूद विषाणु हैं. ऐसे में हवा के कारण प्रसारित होने वाली बीमारियों को रोकने के लिए स्टार्टअप कंपनी एयरफिक सिस्टम्स ने अल्ट्रा मॉर्डन यूवी आधारित एयर डिसइंफेक्टेंट यूवी हील सेफ एयर की शुरुआत की, जो सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशनिंग सिस्टम में भी बेहद कारगर साबित हुई.

हवा के जरिए फैलने वाली सभी बीमारियों को नष्ट करने में सक्षम
इस बारे में एयरफिक सिस्टम्स के निदेशक अंकित शर्मा बताते हैं कि कोरोना वायरस के समय में ये बहुत ही जरूरी हो गया था. अक्सर सभी को लगता था कि अपने ऑफिस या काम करने वाली जगह कैसे जाएंगे. इसलिए जिस तरह से कई पश्चिमी देशों में इस तरह का सिस्टम पहले से ही है तो भारत में हम क्यों न ले कर आएं. ये सिस्टम सिर्फ कोरोना वायरस (Covid-19) से ही नहीं बल्कि हवा के जरिए जितनी भी बीमारी है चाहे फंगस, बैक्टीरिया और भी वायरल डिजीज है जिस पर यह कारगर है और उन्हें डिसइनफेक्ट करता है.

ग्राहक को रियल टाइम पर दिखेगा सिस्टम ने कितना किया काम
ऐसे में एसी में ये सिस्टम कैसे काम करता है इस बारे में अंकित बताते हैं एयर कंडीशनर डक मे लगाते हैं या इंड्रस्‍ट्रीयल एयर हैंडलिंग यूनिट्स में लगाते हैं. ये एक वेव लेंथ पर काम करता है, जो कि 253.7 नेनौ मीटर होता है. इसमें जो हम अलग फीचर लेकर आएं हैं जो कि शायद अभी तक किसी के पास नहीं है. वो है कि हम ग्राहक को रियल टाइम पर दिखाते हैं कि कौन सी बीमारी पर वह कितना काम कर रहा है और कितना प्रतिशत काम कर रहा है, हर सेकेंड पर बताता है.

वहीं इस सिस्टम की मांग को लेकर अंकित कहते हैं कि इसे लेकर लोग काफी आगे आ रहे हैं. मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में इस प्रोजेक्ट पर काम किया है. एक और जरूरी बात है कि यह मेक इन इंडिया भी है इसलिए कॉस्ट भी कंट्रोल कर पा रहे हैं. इसे कई दूसरे देशों में लेकर जाने वाले हैं, अभी अभी ये और भी आगे जा रहा है.

Published - March 10, 2021, 04:49 IST