निवेश के लिए कितना खरा है Silver ETF?

सिल्‍वर ETF पर लॉन्‍ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स लगता है.

निवेश के लिए कितना खरा है Silver ETF?

सिल्‍वर ETF के बारे में जानने से पहले आपको यह जानना चाहिए कि ETF होते क्‍या हैं. ETF का मतलब होता है एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड. यानी ये ऐसे फंड होते हैं जिनकी एक्‍सचेंजों यानी शेयर बाजार में शेयरों की तरह ही ट्रेडिंग होती है. ETF किसी इंडेक्‍स, कमोडिटी, सेक्‍टर या एसेट क्‍लास को ट्रैक करते हैं. ETF की वैल्‍यू में उतार-चढ़ाव उसके अंडरलाइंग एसेट या कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करती है. यानी अगर सिल्‍वर का ETF है तो इसके यूनिट की कीमत चांदी के दाम में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करेगी.

चांदी की कीमत निवेश मांग के अलावा इंडस्ट्रियल demand से भी प्रभावित होती है. चांदी की 50 फीसदी मांग इंडस्ट्रियल use से आती है. उदाहरण के लिए सेल फोन, इलेक्ट्रिक व्‍हीकल के प्रोडक्‍शन में चांदी का इस्‍तेमाल होता है. इसी तरह प्रत्‍येक सोलर पैनल में भी सिल्‍वर का इस्‍तेमाल होता है. चांदी का इस्‍तेमाल इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, ज्‍वैलरी, टेबलवेयर, जैसे उत्‍पादों में भी होता है. सेलफोन और इलेक्‍ट्र‍िक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता से यह उम्‍मीद लगाई जा रही है कि चांदी की मांग आगे और बढ़ेगी.

अब यह भी जान लेते हैं कि सिल्‍वर ETF पर टैक्‍स किस तरह से लगता है. सिल्‍वर ETF पर लॉन्‍ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स लगता है. तीन साल से कम अवध‍ि में यूनिट बेचने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स लगेगा जो किसी भी व्‍यक्ति की इनकम टैक्‍स स्‍लैब के हिसाब से तय होगा. तीन साल से ज्‍यादा निवेश पर लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स लगेगा और इस पर 20 फीसदी की एकमुश्‍त दर से टैक्‍स देना होगा. साथ ही इसमें इंडेक्‍सेशन का फायदा भी मिलता है. जब आप फिजिकल सिल्‍वर खरीदते हैं तो आपको GST देना पड़ता है और यह आपको वापस भी नहीं मिलता. लेकिन सिल्‍वर ETF में GST नहीं लगता यानी आपकी बचत हो जाती है.

अब बात आती है कि सिल्‍वर ETF का प्रदर्शन कैसा है? तो ज्‍यादातर सिल्‍वर ETF पिछले एक साल में ही लॉन्‍च हुए है. इसलिए इनके एक साल के रिटर्न का ही डेटा available है. पिछले एक साल में सिल्‍वर ETF का performance बेहद खराब रहा है. वैल्‍यू रिसर्च के अनुसार पिछले एक साल में इनमें आधे से 2 फीसदी तक ही रिटर्न मिला है.

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सिल्‍वर ETF में फायदा तभी होगा, जब आप लॉन्‍ग टर्म के लिए निवेश करेंगे. निवेश करते समय हर म्‍यूचुअल फंड हाउस के ETF ऑफरिंग को आपको गौर से पढ़ना चाहिए, क्‍योंकि उनकी रणनीति और कीमत में अंतर होता है. हर म्‍यूचुअल फंड का फंड मैनेजर बदलता रहता है, इसलिए इस पर भी आपको नजर रखनी होगी. किसी नए सिल्‍वर ETF में आपको निवेश करना है तो कम से कम छह महीने तक इस पर निगरानी रखें कि लिक्विडिटी और ट्रैकिंग एरर किस तरह से काम करता है. उसके बाद ही निवेश करें.

Published - May 22, 2023, 08:28 IST