गोल्ड बॉन्ड ने दिया बंपर रिटर्न, स्टॉक मार्केट को दी मात

आरबीआई ने गोल्ड बॉन्ड की पहली किस्त नवंबर 2015 में जारी की थी. तब सोने का भाव 26,840 प्रति 10 ग्राम पर था. अब यह 60,000 रुपए के करीब है.

गोल्ड बॉन्ड ने दिया बंपर रिटर्न, स्टॉक मार्केट को दी मात

स्टॉक मार्केट में ज्यादा रिटर्न की संभावना रहती है. इस वजह से शेयर बाजार हमेशा चर्चाओं में रहता. यही बड़ी वजह है कि शेयरों में ज्यादा लोग निेवेश करते हैं. लेकिन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) इस स्थापित तथ्य को खारिज कर रहा है. आरबीआई ने गोल्ड बॉन्ड की पहली किस्त नवंबर 2015 में जारी की थी. तब सोने का भाव 26,840 प्रति 10 ग्राम पर था. अब यह 60,000 रुपए के करीब है. इस तरह पिछले आठ साल में सोने 125 फीसद का रिटर्न दिया है. इस अवधि में सेंसेक्स ने भी कमोबेश इतना ही रिटर्न दिया है. एसजीबी में सालाना 2.5 फीसद सालाना ब्याज मिलता है. इस तरह गोल्ड बॉन्ड के रिटर्न ने शेयर बाजार को पीछे छोड़ दिया है.

SGB पर कितना रिटर्न?

जिन लोगों ने नवंबर 2015 में गोल्ड बॉन्ड में निवेश किया था उन्हें अब तक औसत सालाना 13.7 फीसद का रिटर्न मिला है. पिछले आठ साल में आरबीआई ने एसजीबी की 46 किस्तें जारी की हैं. निवेशकों ने इनमें से किसी भी किस्त में पैसा लगाया है तो उन्हें निवेश की अवधि और सोने के भाव के आधार 4.58 से 51.89 फीसद के बीच रिटर्न मिला है. हालांकि नवंबर 2015 में लांच हुई पहली किस्त नवंबर 2023 में मैच्योर होगी. बाजार में 24 कैरेट के हिसाब से रिटर्न मिलेगा जो टैक्स फ्री होगा. हालांकि सालाना 2.5 फीसद की ब्याज आय टैक्स के दायरे में आएगी.

कितना उपयोगी?

सोने में निवेश के लिए गोल्ड बॉन्ड सबसे बेहतर विकल्प बनकर उभरा है. ऐसे में अब बच्चों की शादी के लिए बरसों पहले आभूषण खरीदने में कोई समझदारी नहीं है. मेकिंग चार्ज, जीएसटी और रखरखाव का खर्च जोड़ें तो यह विकल्प काफी महंगा साबित होता है. यदि आभूषण की रकम को गोल्ड बॉन्ड में निवेश करते हैं तो इन तमाम तरह के खर्चों से छुटकारा मिल जाएगा. साथ ही हर साल 2.5 फीसद की दर से ब्याज भी मिलेगा। लंबी अवधि में आभूषण की तुलना में गोल्ड बांड से मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है.

योजना का आकर्षण

गोल्ड बॉन्ड स्कीम को सरकार ने इस तरह से तैयार किया है ताकि इसका आम आदमी भी फायदा उठा सके इसीलिए निवेश की न्यूनतम सीमा एक ग्राम रखी गई है. इस बांड को आसानी से खरीदा जा सके इसीलिए इसे डाकघर और बैंकों के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी उपलब्ध कराया जा रहा है. इस योजना के तहत न्यूनतम एक ग्राम सोने में भी निवेश किया जा सकता है. एक व्यक्ति और अविभाजित हिन्दू परिवार (एचयूएफ) एक वित्त वर्ष में अधिकतम चार किलोग्राम तक के बांड खरीद सकता है. यह बांड आठ साल का होता है जिसे पांच साल बाद कभी भी भुनाया जा सकता है. अवधि पूरी होते समय या भुनाते समय उस समय सोने के मूल्य के बराबर रकम दी जाएगी.

Published - May 3, 2023, 09:00 IST