सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में पैसे लगाने का एक और मौका आज से शुरू हो गया है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानी एसजीबी 2023-24 सीरिज-4 के तहत 12 फरवरी से 16 फरवरी तक सस्ते में सोना खरीदा जा सकता है. एसजीबी की इस किस्त के लिए इश्यू प्राइस 6,263 रुपये प्रति ग्राम तय की गई है. चालू वित्त वर्ष के दौरान एसजीबी के तहत सोना खरीदने की यह आखिरी किस्त है. इस किस्त के तहत गोल्ड बॉन्ड 21 फरवरी को इश्यू किए जाएंगे. आरबीआई ने इसकी जानकारी दी है.
कैसे खरीदें सोना?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को आप एक ग्राम से खरीदना शुरू कर सकते हैं. एक निवेशक एसजीबी में अधिकतम 4 किलो सोना खरीद सकता है, जबकि ट्रस्ट 20 किलो सोना खरीद सकते हैं. बैंकों से ऑनलाइन और ऑफलाइन दूं तरह से एसजीबी ख़रीदा जा सकता है. आप इसे पोस्ट ऑफिस से भी खरीद सकते हैं. इसे स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन के जरिए भी खरीदा जा सकता है. BSE, NSE के प्लेटफॉर्म से भी खरीदने का विकल्प है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को किसी भी बैंक के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीदने पर 50 रुपये प्रति ग्राम का डिस्काउंट सरकार द्वारा दिया जाता है. एसजीबी में निवेश सरकार निवेशक को हर साल इंटरेस्ट भी देती है. पहली किस्त में इसका इंटरेस्ट रेट 2.75 फीसद था. इसका भुगतान छमाही आधार पर किया जाता है. हालांकि इसका इंटरेस्ट रेट बदलता रहता है. अभी एसजीबी का इंटरेस्ट रेट 2.5 फीसद है.
क्या है एसजीबी?
एसजीबी एक सरकारी सिक्योरिटीज है, जिसे RBI जारी करती है. सोने में निवेश भारत में शुरू से ही विश्वसनीय रहा है. एसजीबी की लोकप्रियता इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि यह एक फिजिकल गोल्ड है जिसे खोने या सहेजने की चिंता नहीं होती है. एसजीबी की किस्त में निवेशकों को एक ग्राम और इसके मल्टीपल में गोल्ड बॉन्ड जारी किए जाते हैं. यानी इसमें इसमें कम से कम एक ग्राम में निवेश करना जरूरी है, जबकि निवेश की मैक्सिमम लिमिट 4 किलोग्राम है. इसमें बेहद कम निवेश भी किया जा सकता है. एसजीबी में निवेश के कई फायदे हैं. इसे डीमैट में रखे जाने पर शेयर मार्केट में इसकी ट्रेडिंग भी की जा सकती है. सबसे खास बात कि यह किसी दूसरे इनवेस्टर को भी ट्रांसफर किया जा सकता है.
SGB का मैच्योरिटी पीरियड क्या है?
एसजीबी की मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है. हालांकि इसे मैच्योरिटी से पहले या जारी करने की तारीख से 5 साल पूरे होने पर इनकैश किया जा सकता है. मैच्योरिटी पर निवेशकों को गोल्ड की मार्केट वैल्यू के आधार पर पैसे लौटाए जाते हैं. इसमें निवेश करने पर साधारण गोल्ड की तरह, मेकिंग चार्ज नहीं देना पड़ता है. साथ ही गोल्ड की शुद्धता को लेकर भी किसी तरह की समस्या नहीं होती है. आरबीआई की तरफ से जारी होने के चलते इसमें किसी तरह का संशय भी नहीं है.