विदेशियों को पसंद आ रहें भारतीय गहने, डिमांड बढ़ने से गोल्ड ज्वेलरी एक्‍सपोर्ट 61.72% बढ़ा

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत के ज्वेलरी निर्यात में उछाल देखने को मिला है. यह 61.72% बढ़कर 6792.24 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया

विदेशियों को पसंद आ रहें भारतीय गहने, डिमांड बढ़ने से गोल्ड ज्वेलरी एक्‍सपोर्ट 61.72% बढ़ा

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड आयात करने वाला देश है. मगर यहां कच्चे माल से तैयार होने वाले सोने के गहनों की विदेशों में खूब मांग बढ़ रही हैं. यही वजह है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत के गोल्ड ज्वेलरी एक्‍सपोर्ट में जबरदस्‍त उछाल देखने को मिला है. यह 61.72% बढ़कर 6792.24 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 4199.96 मिलियन अमेरिकी डॉलर था. यह जानकारी जेम एंड ज्‍वेलरी एक्‍सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) ने दी.

भारत से विदेशों में भेजे जाने वाले कुल सोने के आभूषणों जिनमें सादे और जड़े हुए गहने दोनों शामिल है, इनमें अप्रैल 2023 से सितंबर 2023 के बीच 10.47% की गिरावट देखी गई थी. हालांकि छमाही के बाद से इसने जोरदार वापसी की और इसमें 46.91% का उछाल आया.

ये देश हैं भारतीय गहनों के प्रमुख बाजार

यूएई भारत से सादे सोने के आभूषणों के निर्यात के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बनकर उभरा है. वित्त वर्ष 2023-24 में इसमें 107.2% की जबरदस्‍त वृद्धि हुई जो बढ़कर 4,528.66 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया. पिछले वर्ष यह 2,185.67 मिलियन अमेरिकी डॉलर था. संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के बाज़ारों का भारत के प्‍लेन गोल्‍ड ज्वेलरी के एक्‍पोर्ट में 85% से ज्यादा योगदान है. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में भी सादे सोने के आभूषणों के निर्यात में 37% की वृद्धि देखी गई.

व्‍यापार नीतियों को आसान बनाना रहा फायदेमंद

GJEPC के अध्यक्ष, विपुल शाह का कहना है कि प्‍लेन गोल्‍ड ज्वेलरी के निर्यात में वृद्धि की एक अहम वजह विदेशी व्यापार समझौतों को आसान बनाना है. भारतीय सरकार की ओर से व्‍यापार नीतियों की शर्तों को सरल बनाने से लेनदेन बढ़ा है. भारत-यूएई सीईपीए को अमल में लाने से स्थिति और बेहतर होगी क्‍योंकि प्रमुख निर्यात बाजारों में आर्थिक मंदी और बढ़ती भू-राजनीतिक चिंताओं के कारण मांग में गिरावट आई थी, मगर इन नए समझौतों से हालात बेहतर होंगे.

Published - May 14, 2024, 04:05 IST