गोल्ड बॉन्ड में निवेश का क्या है सही तरीका?

बैंक के जरिए गोल्ड बॉन्ड खरीदना सबसे आसान तरीका है.

गोल्ड बॉन्ड में निवेश का क्या है सही तरीका?

सुरक्षित निवेश के लिए सोना हमेशा से पसंदीदा विकल्प रहा है. लंबी अवधि में इसने आकर्षक रिटर्न दिया है. कुछ साल पहले तक लोग गोल्ड ज्वेलरी, सिक्का और बिस्किट जैसे विकल्पों में निवेश करते थे. अब सोने में निवेश के लिए म्यूचुअल फंड, ईटीएफ और बॉन्ड के साथ कई और भी विकल्प मिल रहे हैं. लेकिन सोने में निवेश के लिए अब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) शानदार विकल्प बनकर उभरा है. इस योजना में निवेश पर सोने में तेजी का लाभ तो मिलता ही है साथ ही सालाना 2.5 फीसद का ब्याज भी मिलता है. गोल्ड बॉन्ड में निवेश की प्रक्रिया एकदम आसान है.

कैसे खरीदें गोल्ड बॉन्ड?

बैंक के जरिए गोल्ड बॉन्ड खरीदना सबसे आसान तरीका है. जब बॉन्ड की नई सीरीज जारी होती है तब इसे बैंक चुनिंदा शाखाओं और पोस्ट ऑफिस से आसानी से खरीदा जा सकता है. इसके बाद ये बॉन्ड स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन, एनएसई और बीएसई के जरिए खरीद सकते हैं. बीएसई और एनएसई के ब्रोकरों के जरिए भी गोल्ड बॉन्ड खरीदे जा सकते हैं. गोल्ड बॉन्ड में निवेश के लिए आनलाइन और आफलाइन यानी दोनों तरह से आवेदन कर सकते हैं. इनमें से आपको जो भी विकल्प अच्छा लगे उसका उपयोग कर सकते हैं. देश में गोल्ड बॉन्ड की पहली सीरीज नवम्बर 2015 में जारी हुई थी. 18 मई, 2023 तक इसकी 46 किस्तें जारी हो चुकी हैं.

योजना का आकर्षण

एसजीबी एक सरकारी योजना है. यह बॉन्ड आरबीआई (RBI) की ओर से जारी किए जाते हैं. एसजीबी स्कीम को सरकार ने इस तरह से तैयार किया है ताकि इसका आम आदमी भी फायदा उठा सके. इसीलिए निवेश की न्यूनतम सीमा एक ग्राम रखी गई है. इस बॉन्ड को आसानी से खरीदा जा सके इसीलिए इसे डाकघर और बैंकों के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी उपलब्ध कराया जा रहा है. एक व्यक्ति और अविभाजित हिन्दू (एचयूएफ) परिवार एक वित्त वर्ष में अधिकतम चार किलोग्राम तक के बॉ्ड खरीद सकता है. यह बॉन्ड आठ साल का होता है जिसे पांच साल बाद कभी भी भुनाया जा सकता है. अवधि पूरी होते समय या भुनाते समय उस समय सोने के मूल्य के बराबर रकम दी जाएगी. गोल्ड बांड में निवेश की गई रकम पर सालाना 2.5 फीसद ब्याज मिलेगा.

क्या है फायदा

एसजीबी में निवेश पर कोई जोखिम नहीं है. इस बांड को लोन लेने के लिए जमानत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके चोरी होने का खतरा नहीं है. इसमें सोने में तेजी का लाभ तो मिलता ही है, साथ ही ब्याज के रूप में अतिरिक्त कमाई हो जाती है. बॉन्ड खरीदते समय ऑनलाइन भुगतान करने पर 50 रुपए प्रति ग्राम के हिसाब से छूट मिलती है. अगर आप ज्वेलरी के रूप में सोना खरीदते हैं तो इसमें मेकिंग चार्ज देना पड़ता है. इस पर जीएसटी का भी भुगतान करना पड़ता है. लेकिन गोल्ड बॉन्ड में जीएसटी के रूप में कोई देनदारी नहीं बनती.

टैक्स एवं इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं कि सॉवरन गोल्ड बॉन्ड निवेशकों के लिए आम के आम और गुठलियों के दाम सरीखा साबित हो रहा है. अपने पोर्टफोलियो में इस बॉन्ड को जरूर शामिल करना चाहिए. बच्चों की शादी के लिए सोने की जरूरत को पूरा करने के लिए यह एक उपयोगी योजना है. आजकल बेटा हो या बेटी, शादी के दौरान सोने की जरूरत पड़ती है. इस काम के लिए गोल्ड बॉन्ड में निवेश अच्छा विकल्प है.

Published - May 18, 2023, 03:04 IST