एक जून से सिर्फ हॉलमार्किंग (Hallmarking) वाले गहने बिका करेंगे. इससे बाजार में पारदर्शिता काफी बढ़ जाएगी, लेकिन बहुत लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि नए नियम के लागू होने के बाद पुराने आभूषणों का क्या होगा?, क्या उनकी कीमतें गिर जाएंगी?. उन्हेंं कोई लेगा या नहीं है?, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं हैै.ऐसा कुछ नहीं होने वाला है. बस इसके लिए आपको छोटा सा काम करना होगा.
सरकार ने एक जून से सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग (Hallmarking) की अनिवार्यता कर दी है. इसके बाद से ज्वैलर्स को केवल 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषण बेचने की अनुमति होगी. उम्मीद है इस कदम से गोल्ड मार्केट में पारदर्शिता बढ़ जाएगी. क्योंकि गोल्ड हॉलमार्किंग शुद्धता का प्रमाण माना जाता है और वर्तमान में यह स्वैच्छिक है.
हॉलमार्क सेंटर पर जाकर कराएं मार्किंग:
पुराने आभूषणों को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है. IIFL के वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता के मुताबिक इसके लिए किसी भी हॉलमार्क सेंटर पर जाकर गहनों पर हॉलमार्किंग कराई जा सकती है. इसका शुल्क भी अधिक नहीं होता है. अगर आप खुद नहीं जा सकते, तो अपने ज्वैलर से भी संपर्क किया जा सकता है.
आभूषणों पर लगेगा तिकोना निशान:
ज्वैलरी पर बीआईएस का तिकोना निशान, हॉलमार्किंग केंद्र का लोगो, सोने की शुद्धता लिखी होगी। साथ ही ज्वैलरी कब बनाई गई, इसका साल और ज्वैलर का लोगो भी रहेगा.
एक साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान:
जानकारों का कहना है कि एक जून से लागू होने वाले नियम का सख्ती से पालन करना होगा. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो एक लाख रुपये से लेकर माल के मूल्य के पांच गुना तक का जुर्माना लगाया जा सकता है तथा एक साल की कैद भी हो सकती है.