भारत में हर शुभ काम या तीज-त्योहार पर सोना या उसके बने गहने खरीदना शुभ माना जाता है. ये परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन बदलते वक्त के साथ लोगों की दिलचस्पी डिजिटल गोल्ड में बढ़ी है. इस बात का खुलासा NAVI की ओर से किए गए एक सर्वे में हुआ. डिजिटल गोल्ड के निवेशकों और गैर-निवेशकों के बीच किए गए इस सर्वे में पता चला कि कम जोखिम, शुद्धता की गारंटी और निवेश में सुविधा के चलते भारतीयों में डिजिटल गोल्ड का आकर्षण बढ़ रहा है. इसके अलावा कुछ और कारण भी हैं जिनकी वजह से निवेशक इसे अपना रहे हैं.
बेहतर रिटर्न
सर्वे में पाया गया कि लगभग 50% निवेश डिजिटल गोल्ड में इसलिए किया गया क्योंकि गोल्ड ने हाल के दिनों में अच्छा रिटर्न दिया है. ये अपने हाई पर था. ग्लोबल स्तर पर ये मजबूत स्थिति में था. जिसने निवेशकों को इसमें पैसा लगाने के लिए आकर्षित किया.
चोरी के खतरे से छुटकारा
नावी के सर्वे में करीब 39% निवेशकों ने कहा कि घर पर फिजिकल गोल्ड यानी सोने के गहने या सिक्के रखने की तुलना में डिजिटल गोल्ड ज्यादा सुरक्षित है. इसमें कम जोखिम है. इसके चोरी होने की कोई चिंता नहीं है, इसलिए इसमें निवेश ज्यादा बेहतर है.
शुद्धता को लेकर संतुष्टि
सर्वे में शामिल 36% लोगों का कहना है कि डिजिटल गोल्ड खरीदते समय उन्हें इसकी शुद्धता को लेकर टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. वे जितने कैरट का सोना खरीदेंगे उसकी वैल्यू के आधार पर वो उन्हें मिल जाएगा. जबकि सोने के गहनों में 24 या 22 कैरेट की शुद्धता जांचना एक चुनौती है.
खरीदना-बेचना है आसान
डिजिटल गोल्ड को खरीदना-बेचना बेहद आसान होता है. सर्वे में शामिल 25% लोगों का मानना है कि ऐप के माध्यम से इसे किसी भी समय खरीद सकते हैं या बेच सकते हैं. इसे किसी भी समय अपने हिसाब से ट्रैक किया जा सकता है. इसलिए ये ज्यादा बेहतर है.
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