Gold: बजट में गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी में कटौती के एलान के बाद से ही सोने में दबाव देखने को मिला है. गोल्ड अब तक अपने रिकॉर्ड स्तरों से तकरीबन 25 फीसदी नीचे पहुंच गया है और फिलहाल MCX पर 10 ग्राम सोने का भाव 46,400 के आस-पास बना हुआ है. सोने की कीमतों में नर्मी को एक्सपर्ट्स शेयर बाजार की तेजी का भी असर मान रहे हैं.
क्यों आई सोने में गिरावट?
कोटक सिक्योरिटीज के कमोडिटीज हेड रविंद्र राव ने गोल्ड पर Money9 के साथ खास चर्चा में बताया कि कमजोर डॉलर और बाजार में बढ़ी नकदी यानि लिक्विडिटी की वजह से गोल्ड में दबाव बना है. वहीं कोरोना संकट और अनिश्चितता के बीच गोल्ड की कीमतों में तेजी आई. इसी तेजी की वजह से निवेशकों का रुझान गोल्ड ETF (Gold ETF) में बढ़ता दिखाई दिया. हालांकि इक्विटी यानि शेयर बाजार की रिकॉर्ड तेजी के बाद यहां मुनाफावसूली भी हुई है. इक्विटी बाजार की तेजी में कई निवेशकों ने गोल्ड ETF से पैसे निकाले हैं.
गोल्ड में निवेश का सही समय?
रविंद्र राव के मुताबिक ऐसे में गोल्ड काफी लुभावना लग रहा है ले और थोड़ा-थोड़ा करके इसमें निवेश किया जा सकता है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि सोने में आगे शॉर्ट टर्म में हल्का दबाव देखने को मिल सकता है लेकिन फिर भी गिरावट में सोने की खरीदारी की जा सकती है. उनके मुतबिक किसी भी निवेश को टाइम करना मुश्किल है और गोल्ड में भी थोड़ा-थोड़ा करे निवेश बढ़ने से एवरेजिंग का फायदा मिलेगा.
गोल्ड में निवेश कैसे करें?
गोल्ड में निवेश के लिए कई विकल्प मौजूद हैं – जैसे ज्वेलरी, गोल्ड ETF और सोवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond). रविंद्र राव के मुताबिक अगर लंबी अवधि यानि 5-10 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं तो सोवरेन गोल्ड बॉन्ड सही विकल्प हैं क्योंकि इनपर 2 फीसदी के ब्याज की कमाई भी होती है. वहीं ज्वेलरी खरीदने के लिए भी वे इस गिरावट को सही मौका मानते हैं.
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