सोना असली है या नकली- कैसे पता चलेगा? क्या होती है हॉलमार्किंग, यहां समझिए

Gold Jewellery hallmark- सोना खरीदते वक्त क्वॉलिटी पर जरूर गौर करें. सबसे अच्छा है कि हॉलमार्क देखकर सोना खरीदें. हॉलमार्क सरकारी गारंटी है.

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जौहरी नए एचयूआईडी को स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि इसका सोने की शुद्धता से कोई लेना-देना नहीं है

जौहरी नए एचयूआईडी को स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि इसका सोने की शुद्धता से कोई लेना-देना नहीं है

1 जून से सोने की हॉलमार्किंग जरूरी होगी. ऐसे में आपको बाजार से सिर्फ शुद्ध सोना मिलेगा. लेकिन, सोने की खरीदारी करते वक्त आप कैसे पहचानेंगे कि सोने पर हॉलमार्किंग (Gold Jewellery hallmark) सही है या नहीं. भारतीय बाजारों में इस वक्त सोने का दाम 48 हजार प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है. हफ्ते के पहले दिन भी सोने के भाव में तेजी देखने को मिली. त्योहारी और शादियों के सीजन में ज्वेलरी की खरीदारी बढ़ती है. वहीं, कोरोना के चलते भी इसकी डिमांड में तेजी आने की उम्मीद है. यही वजह है कि सोने और ज्वेलरी की शुद्धता को लेकर सरकार भी गंभीर है. सोने से बनी ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है.

शुद्ध सोने की पहचान करना आसान नहीं. लेकिन, जरूरी बातें ध्यान रखकर आप नकली सामान खरीदने से बच सकते हैं. सोना खरीदते वक्त उसकी क्वॉलिटी पर जरूर गौर करें. सबसे अच्छा है कि हॉलमार्क देखकर सोना (Gold Jewellery hallmark) खरीदें. हॉलमार्क सरकारी गारंटी है. हॉलमार्क का निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) करती है.

24 कैरट होता है बेहद मुलायम
भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के तहत हॉलमार्किंग योजना का संचालन, नियम और विनियम होता है. असली सोना 24 कैरट का ही होता है, लेकिन इसके अभूषण नहीं बनते, क्‍योंकि वो बेहद मुलायम होता है. आम तौर पर ज्वेलरी के लिए 22 कैरट सोने का इस्तेमाल किया जाता है. यह 91.66 फीसदी शुद्ध सोना होता है. हॉलमार्क पर पांच अंक होते हैं. सभी कैरट का हॉलमार्क (Gold Jewellery hallmark) अलग होता. मसलन 22 कैरट पर 916, 21 कैरट पर 875 और 18 पर 750 लिखा होता है. इससे शुद्धता में शक नहीं रहता.

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असली हॉलमार्क की क्या है पहचान?
हॉलमार्किंग किसी भी प्रोडक्ट की गुणवत्ता की जांच के बाद दी जाती है. तय मापदंडों पर यह प्रमाणित किया जाता है कि प्रोडक्ट ठीक है. भारत में BIS संस्था इन प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता स्तर की जांच करती है. सोना-चांदी की ज्वेलरी पर हॉलमार्क (Gold Jewellery hallmark) है तो इसका मतलब है कि उसकी शुद्धता प्रमाणित है. लेकिन, कई ज्वेलर्स बिना जांच प्रकिया पूरी किए ही हॉलमार्क लगा रहे हैं. ऐसे में यह देखना जरूरी है कि हॉलमार्क ओरिजनल है या नहीं? असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है. उस पर हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है. उसी में ज्वेलरी निर्माण का वर्ष और मैन्युफैक्चरर का लोगो भी होता है.

जरूर पूछें सोने के साथ कौन सा मेटल मिक्स है?
गोल्ड ज्वेलरी खरीदते वक्त सबसे पहले उसकी शुद्धता का पता लगाएं. 24 कैरट गोल्ड सबसे शुद्ध होता है. गोल्ड ज्वेलरी 22 या 18 कैरट के सोने से बनती है. मतलब 22 कैरट गोल्ड के साथ 2 कैरट कोई और मेटल मिक्स किया जाता है. ज्वेलरी खरीदने (Gold Jewellery hallmark) से पहले हमेशा ज्वेलर से सोने की शुद्धता की जानकारी लें. वाइट गोल्ड ज्वेलरी अगर आप ले रहे हैं तो निकेल या प्लैटिनम मिक्स के बजाए पैलेडियम मिक्स ज्वेलरी लेना बेहतर होगा. निकेल या प्लैटिनम मिक्स वाइट गोल्ड से स्किन एलर्जी होने का खतरा रहता है.

प्योरिटी सर्टिफिकेट और कीमतों की रखें जानकारी
गोल्ड खरीदते वक्त आप ऑथेंटिसिटी/प्योरिटी सर्टिफिकेट लेना न भूलें. सर्टिफिकेट में गोल्ड की कैरट क्वॉलिटी भी जरूर चेक कर लें. साथ ही गोल्ड ज्वेलरी में लगे जेम स्टोन के लिए भी एक अलग सर्टिफिकेट जरूर लें. गोल्ड का मार्केट प्राइस बिना पता किए खरीदारी करना समझदारी नहीं. इससे आपकी जेब कटने की आशंका ज्यादा रहती है. असली और नकली सिक्कों की पहचान वे उसकी खनक से करते हैं. मेटल पर असली चांदी का सिक्का गिराने पर भारी आवाज, जबकि नकली सिक्का लोहे की तरह खनकता है. प्राचीन और विक्टोरियन सिक्के गोल व घिसे रहते हैं, जबकि नकली सिक्कों के किनारे कोर खुरदुरी रहती है.

Published - April 19, 2021, 06:56 IST