पिछले महीने की तुलना में मार्च के महीने में भारत का सोने का आयात 90 फीसद से ज्यादा लुढ़क सकता है. कोरोना वायरस महामारी के बाद सोने का आयात अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच सकता है. दरअसल, रिकॉर्ड ऊंचाई पर भाव होने की वजह से बैंकों ने सोने के आयात में कटौती की है. हालांकि दुनियाभर में सोने के दूसरे सबसे बड़े उपभोक्ता भारत द्वारा आयात में कमी की वजह से सोने की वैश्विक कीमतों में तेजी सीमित हो सकती है. गौरतलब है कि फेडरल रिजर्व इस साल ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद में इस महीने की शुरुआत में सोने का भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है.
आयात गिरने से व्यापार घाटे में आ सकती है कमी
हालांकि सोने के आयात में गिरावट से भारत को अपने व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिलेगी और रुपए को सपोर्ट मिल सकता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने की तुलना में मार्च में सोने का इंपोर्ट घटकर 10-11 टन रह सकता है. फरवरी में सोने का इंपोर्ट 110 टन दर्ज किया गया था. कोरोना महामारी के बाद से मार्च में सोने का इंपोर्ट सबसे निचले स्तर तक पहुंच सकता है. बता दें कि कोविड महामारी के दौरान हवाई यातायात प्रतिबंधों की वजह से आयात सीमित हो गया था और लॉकडाउन के कारण ज्वैलरी की दुकानें बंद रही थीं.
कमजोर मांग से भी घटा इंपोर्ट
डीलर्स का कहना है कि कमजोर मांग की वजह से मार्च में बहुत कम सोने का आयात किया गया है. ज्वैलर्स 35 डॉलर प्रति औंस से ज्यादा डिस्काउंट के बाद भी खरीदारी नहीं कर रहे थे. सर्राफा डीलर्स ने कहा है कि रिकॉर्ड ऊंचाई पर सोने का इंपोर्ट करने और मांग का इंतजार करने की कोई वजह नहीं है. बता दें कि भारत में इस महीने सोने का भाव बढ़कर 66,943 रुपए प्रति 10 ग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था.