Gold: भारत में सोने के प्रति लगाव कितना है, यह शायद बताने की जरूरत नहीं है. इसका कारण भी है. संकट आने पर लोग इसे बेचकर अपना काम चलाते हैं.
क्योंकि बैंक एफडी, सेविंग्स, रियल एस्टेट, म्यूचुएल फंड जैसे निवेश विकल्प तुरंत पैसा देने में सक्षम नहीं हो पाते हैं, लेकिन सोना (Gold) एकमात्र ऐसा विकल्प है जो आप दिन रात कभी भी बेचने जाएंगे आपको पैसा मिल जाएगा.
अगर आपको भी सोना बेचने की जरूरत होती है तो कैसे आप इस दौरान ज्यादा से ज्यादा वैल्यू हासिल कर सकते हैं. यहां हम यही बताने की कोशिश कर रहे हैं.
जब भी आप सोने की खरीदारी करें, तो सबसे पहले ज्वेलर्स से सोने की प्योरिटी का प्रमाण पत्र जरूर लें. इससे बेचते वक्त यह भी जान सकेंगे कि इसकी कितनी कीमत आपको मिल सकती है.
सोना बेचते समय हमेशा यह कोशिश करनी चाहिए कि जहां से गोल्ड खरीदा है, वहीं बेचा भी जाए. इससे असुविधाओं से भी बचा जा सकेगा. साथ ही सही कीमत भी मिलने की उम्मीद रहती है.
फिर भी आप चाहते हैं कि डील और बेहतर हो तो, इसके लिए आपको प्रयास करने होंगे. यानी अलग-अलग विक्रेता के पास जाएं. जहां भी अधिक से अधिक कीमत मिलने की बात हो, वहीं, डील को फाइनल करने की कोशिश करें.
कहने का मतलब कम से कम तीन या चार ज्वैलर्स के पास जाकर सोने की वैल्यूएशन कराएं. सोना बेचते वक्त हमेशा अलग-अलग ज्वेलर्स से संपर्क कर लेना चाहिए. इससे हमेशा ही बेहतर दाम मिलने की उम्मीद रहती है, लेकिन इस दौरान ज्वेलर्स का बैकग्राउंड जरूर चेक कर लें.
आगरा सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष नितेश अग्रवाल के मुताबिक, वैसे तो सरकार ने गहनों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है. फिर भी कई विक्रेता नियमों की अनदेखी करते हैं. इसलिए ग्राहक हॉलमार्क गहनों को ही खरीदें.
हॉलमार्क गहनों, सिक्कों, बार आदि की अधिकतम वैल्यू आपको मिल सकती है. जब आप बेचेंगे तो आपको अधिकतम कीमत मिल पाएगी.
जब सोना बेचें तो हॉलमार्क का विशेष ध्यान रखें. जैसे बीआईएस मार्क, कैरेट में शुद्धता और हॉलमार्किंग और ज्वैलर की पहचान के निशान को भी देखना चाहिए.
कई ज्वैलर्स हॉलमार्क के साथ अपनी निशानी भी गहनों पर लगाते हैं और अगर आप उन्हीं ज्वैलर्स के पास अपना सोना बेचने जाते हैं तो आपको अधिकतम वैल्यू मिल सकती है.
आप जिस ज्वैलरी को बेचने जा रहे हैं उसका बिल अगर आपके पास है, तो ज्वैलर उसमें लिखी सोने की कैरेट, शुद्धता आदि से इंकार नहीं कर पाता है.
लोकल ज्वैलरी खरीदने से बचें-अगर आप ज्वैलरी खरीदने जा रहे हैं तो कोशिश करें कि ब्रांडेड ज्वैलरी खरीदें. ब्रांडेड ज्वैलरी से ये फायदा होता है कि इसे ब्रांड वैल्यू के आधार पर जब बेचा जाता है तो आपको ज्यादा फायदा मिलता है.