Gold Fund: मार्च अंत से अब तक सोने की कीमतों में हल्की बढ़त आया है. 12 मई को MCX पर 10 ग्राम सोने का भाव तकरीबन 300 रुपये गिरकर 47,640 रुपये पर आया है.
जब से कोरोना की दूसरी लहर का तांडव शुरू हुआ है लोगों ने फिर गोल्ड की ओर रुझान किया है. इस अक्षय तृतिया अगर आप सोने की खरीदारी का मूड बना रहे हैं तो गोल्ड म्यूचुअल फंड जैसे ज्यादा किफायती विकल्प पर भी गौर कर सकते हैं.
गोल्ड फंड्स (Gold Fund) का निवेश गोल्ड या उससे जुड़े विकल्पों में ही होता है. यही वजह है कि इनके रिटर्न गोल्ड जैसे ही होते हैं. गोल्ड ने पिछले साल रिकॉर्ड ऊंचाई हासिल की थी और 56,000 के स्तर को पार किया था.
फाइनेंशियल एडवाइजर्स मानते हैं कि आपको अपने पोर्टफोलियो में अलग-अलग ऐसेट क्लास शामिल करने चाहिए. खास तौर पर गोल्ड में निवेश आपके जोखिम घटाने मे मदद करता है और हेज की तरह काम करता है. बाजार के उतार-चढ़ाव और अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता में गोल्ड साहारा माना जाता है.
सोने की खरीदारी पर लगने वाले मेकिंग चार्ज और GST उसे जेब पर महंगा बना देते हैं. फिजिकल खरीदारी के बिना भी गोल्ड की कीमतों में तेजी का फायदा उठाने का एक तरीका हैं गोल्ड फंड.
ये फंड फिजिकल गोल्ड, गोल्ड ETF, और कभी कभी गोल्ड से जुड़े शेयरों में निवेश करते हैं.
गोल्ड फंड में निवेश करना फिजिकल सोने में निवेश करने से ज्यादा आसान है. यहां आप 500 से 1000 रुपये की SIP भी कर सकते हैं जबकि फिजिकल गोल्ड खरीदने के लिए आपको एक बार में ज्यादा रकम देनी पड़ सकती है.
गोल्ड फंड (Gold Fund) ना सिर्फ खरीदारी को लेकर ज्यादा फ्लेक्सिबल हैं बल्कि निवेशकों को फिजिकल गोल्ड के मुकाबले ज्यादा लिक्विडिटी देते हैं. इस फंड से पैसे निकालने या रिडीम के लिए आपको ज्यादा लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता. पैसों की जरूरत पड़ने पर आप इसे कभी भी लिक्विडेट करा सकते हैं जबकि फिजिकल गोल्ड बेचने में आपको समय लग सकता है.
ये पूरी तरह डिजिटल है तो आपको निवेश करने या रिडीम करने के लिए कहीं बाहर जाने की जरूरत भी नहीं है. कोविड के दौर में ये सहूलियत के मोर्चे पर फिजिकल गोल्ड को मात देता है.
इसके अलावा गोल्ड ज्वेलरी बेचने पर आपको पूरी ज्वेलरी एक बार में बेचनी या तुड़वानी पड़ सकती है. लेकिन गोल्ड फंड में आप सिर्फ अपनी जरूरत के मुताबिक रकम को रिडीम कर सकते हैं.
पिछले 3 साल में HDFC गोल्ड फंड, कोटक गोल्ड फंड, निपॉन इंडिया गोल्ड सेविंग्स फंड और SBI गोल्ड फंड ने 13.5 से 14 फीसदी के बीच रिटर्न दिए हैं. वहीं 5 साल में इन गोल्ड फंड्स ने 8.5 से 9 फीसदी तक के रिटर्न दिए हैं.
ध्यान रहे कि इन फंड्स के रिटर्न गोल्ड की चाल पर निर्भर है.
क्योंकि इनका निवेश गोल्ड में ही होता है यही वजह है कि इनमें से रिडेंप्शन या इन्हें बेचने पर भी हुए मुनाफे पर फिजिकल गोल्ड जैसे ही टैक्स लागू हैं. 3 साल से पहले बेचने पर इनकम स्लैब के मुताबिक और इससे ज्यादा होल्ड करने पर इंडेक्सेशन के साथ 20 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स.