ज्‍वैलरी खरीदने से पहले सोने की कीमत पर कर सकते हैं मोलभाव

GOLD: कोलकाता में बुलियन मर्चेंट एसोसिएशन के पदाधिकारी सुझाव दे रहे हैं कि आप ज्‍वैलर्स से सोने की कीमत को लेकर मोलभाव कर सकते हैं.

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क्‍या आपने कभी सोने (GOLD) की कीमत को लेकर ज्‍वैलर्स से मोलभाव किया है, ठीक उसी तरह से जैसा की आप किराने का सामान बेचने वाले दुकानदार के साथ करते हैं. इसकी संभावना बेहद कम होगी कि आपने कभी ज्‍वैलर्स से इस तरह से मोलभाव किया हो. लेकिन कोलकाता में बुलियन मर्चेंट एसोसिएशन के पदाधिकारी सुझाव दे रहे हैं कि आप ऐसा कर सकते हैं. आप ज्‍वैलरी खरीदने से पहले ज्‍वैलर्स से सोने (GOLD) की कीमत को लेकर मोलभाव कर सकते हैं.

पश्चिम बंगाल में बुलियन मर्चेंट्स एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (WBBMJA) के एक पदाधिकारी ने सोने (GOLD) की कीमत कैसे निर्धारित की जाती है इस बारे में बताते हुए कहा कि अधिकांश ज्वैलर्स हर दिन एक मूल्य की घोषणा करते हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि सभी आउटलेट इसका पालन करें.

वे अक्सर अपनी खुद की कीमत और आभूषणों में सोने (GOLD) की कीमत में मनमाने ढंग से निर्धारित करते हैं. हर दिन लगभग 4 बजे WBBMJA उस दिन के लिए सोने की कीमत मीडिया को जारी करता है.

नाम नहीं बताने की शर्त पर WBBMJA पदाधिकारी ने बताया कि खरीदारों को समाचार पत्रों में सोने की कीमत की जांच करनी चाहिए, जो उन्हें एक बेंचमार्क देगा. अगर सोने की कीमत, जो आमतौर पर 10 ग्राम की इकाइयों में मापी जाती है, इसमें 100 रुपये से अधिक की वृद्धि होती है तो ग्राहक को सौदेबाजी का अधिकार है.

उनके अनुसार, अगर सोने (GOLD) का मूल्‍य एसोसिएशन की ओर से जारी की गई कीमत से 50 से 100 रुपये प्रति 10 ग्राम तक है तो ये ठीक है, लेकिन अगर इससे ज्‍यादा है तो ये ठीक नहीं है.

WBBMJA के सहायक सचिव एस के चंद्रा ने Money9 को बताया कि “WBBMJA द्वारा निर्धारित मूल्य का पालन करना हमारे सदस्यों के लिए जरूरी नहीं है. वे हर दिन अपनी खुद की कीमत तय कर सकते हैं. WBBMJA के पास कोई वेबसाइट नहीं है. ज्वैलरी मेकिंग आमतौर पर इस देश में एक असंगठित क्षेत्र की गतिविधि है जिसमें हर छोटे शहर के सैकड़ों छोटे आभूषण निर्माता काम करते हैं.

कोई मूल्य नियामक नहीं हैं, हालांकि देश की लगभग 70% मांग आयात के माध्यम से पूरी होती है और केवल सरकारी लाइसेंस प्राप्त एजेंसियां जिनमें से अधिकांश बैंक हैं सोना (GOLD) आयात कर सकते हैं.

भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक
सोने का आयात मार्च में बढ़कर 160 टन हो गया है. सोने (GOLD) की कीमतों का निर्धारण करने वाले मैक्रो कारक मांग और आपूर्ति, मुद्रास्फीति, आयात शुल्क, जीएसटी, रुपया-डॉलर विनिमय दर, वैश्विक बाजार में कीमतों का बढ़ना, राजनीतिक / सामाजिक जलवायु में अनिश्चितता आदि जीएसटी और अन्य स्थानीय कर हैं. ये राज्य सरकार द्वारा लगाया जाता है जो राज्य दर राज्य बदलता रहता है.

सूक्ष्म स्तर पर, बुलियन एसोसिएशन ज्यादातर विभिन्न राज्यों या शहरों में दिन-प्रतिदिन की सोने (GOLD) की कीमतें तय करती हैं, जो कि आभूषणों के आउटलेट में प्रदर्शित सोने की कीमत को दर्शाती है. लेकिन पूरी प्रक्रिया में स्पष्टता की कमी है और ग्राहक अक्सर इसके शिकार होते हैं.

Published - April 20, 2021, 11:04 IST