Fake Gold: सोने की कीमतों में बीते 3 से 4 महीने के दौरान प्रचंड तेजी देखी गई है. सोना इस साल अब तक 10000 रुपए तक महंगा हो चुका है. इतना महंगा सोना खरीदना हर किसी के लिए मुश्किल हो रहा है. उस पर भी अगर आपको पता चले कि जो सोना आपने इतना महंगा खरीदा है वह नकली है क्या होगा? अपने घटिया माल के कारण हमेशा से कुख्यात रहा चीन अब नकली सोने का गढ़ बन गया है. बड़ी बात यह है कि सोने के इस घोटाले से चीनी लोग ही परेशान हो रहे हैं. चीन में लोगों ने 2023 में करीब 600 टन सोने की ज्वैलरी खरीदी. अब जांच में पता चला है कि इसमें से बड़ी संख्या नकली सोने की है.
चीनी सरकार के अनुसार, ये नकली सोना ऑनलाइन बिक रहा है. चीन में “999 गोल्ड” के नाम पर हजारों लोग ठगे गए हैं. यहां लोगों को सोने के नाम पर अन्य धातुएं थमा दी गईं. कुछ किस्मतवाले थे, जिन्हें सोना तो मिला लेकिल उसकी क्वालिटी बहुत ही घटिया थी. बता दें कि सोने के शुद्धतम रूप को आमतौर पर 999 सोना कहा जाता है क्योंकि इसमें सोने की मात्रा 99.9% होती है. इसे 24 कैरेट सोना भी कहा जाता है.
चीन में लगातार सुस्त होती इकोनॉमी और लुढ़कते युआन के बीच चीनी लोग अपनी बचत का बड़ा हिस्सा सोने में निवेश कर रहे हैं. ऐसे में चीन में नकली सोना एक बड़ी समस्या बन रहा है. चीन में लोगों की सोने के प्रति दीवानगी का पता इस बात से चलता है कि 2023 में भारत को पछाड़कर सोने के आभूषणों का दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है. चीन में सराफा की जबर्दस्त कंज्यूमर डिमांड है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों से पता चलता है कि चीनी उपभोक्ताओं ने पिछले साल 603 टन सोने के गहने खरीदे जो 2022 की तुलना में 10 फीसद अधिक है.
चीनी मीडिया में एक यूजर के हवाले से बताया गया है कि उसने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ताओबाओ पर 1,985 चीनी युआन यानि लगभग 280 डॉलर में पांच सोने के पेंडेंट खरीदे थे. जब उसने फ्लेम टेस्ट किया तो पता चला कि सोना नकली था. यहां आपको फ्लेम टेस्ट के बारे में भी बता देते हैं. यदि आप नकली सोना आंच के नीचे रखते हैं तो उसका रंग गहरा या हरा दिखाने लगता है जबकि शुद्ध सोना गर्मी के संपर्क में आने पर चमकीला हो जाता है.
वहीं एक अन्य ग्राहक ने ऑनलाइन रिटेलर पिंडुओडुओ से एक सोने का प्रोडक्ट खरीदा. जब उसे वह ज्वैलरी मिली थी तो पता चला कि उस पर जंग लगी हुई थी. जब वह जांच के लिए एक जौहरी के पास ले गया तो उसे बताया गया कि यह नकली है.
अब जान लेते हैं कि असली-नकली की पहचान के लिए चीनी ग्राहक कर क्या रहे हैं. इसमें कुछ पारंपरिक तरीके हैं तो कुछ रासायनिक. चीन में कुछ लोग सोने की प्रामाणिकता के लिए वैसा पारंपरिक तरीका भी अपना रहे हैं जैसा हम भारत में भी करते हैं. इसमें वे सोने के सिक्के को फर्श पर गिराकर खन की आवाज से सोने की प्रामाणिकता जांच रहे हैं. इसके अलावा सोने पर नाइट्रिक एसिड गिराकर भी शुद्धता जांच रहे हैं. इसमें यदि एसिड की बूंद हरा रंग दिखाती है तो समझ लें कि सोने की ज्वैलरी या तो किसी दूसरी धातु से बनी है या सोने की परत चढ़ी हुई है. अगर सोने को कुछ नहीं होता है, तो संभावना है कि सोना असली है.
ये तो हुई चीन की बात लेकिन भारत में भी ये समस्या कई जगह देखी जाती है. इसके लिए सरकार ने सोने की हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है. इसके बावजूद अगर आप भी गोल्ड ज्वैलरी खरीदने का प्लान कर रहे हैं. तो कुछ बातों का ध्यान रखें.
यहां पहली सलाह है कि हमेशा BIS यानी भारतीय मानक ब्यूरो हॉलमार्क ज्वैलरी या सोने के सिक्के खरीदें. प्योरिटी का निशान गोल्ड के गहने और सिक्कों पर होना जरूरी है. अगर ये नहीं है तो आप ऐसी ज्वैलरी या गोल्ड कॉइन न खरीदें.
दूसरी बात सोने की कीमत उसके वजन के आधार पर तय की जाती है और मार्केट रेट में उतार-चढ़ाव हो सकता है. आप जो सोने के गहने या सोने का सिक्का खरीद रहे हैं उसका वजन अवश्य जांच लें और कॉस्ट के कैलकुलेशन और मार्केट रेट को जरूर चेक कर लें. ज्वैलर्स अक्सर ज्वैलरी या कॉइन पर भी मेकिंग चार्ज या वेस्टेज चार्ज लेते हैं जो डिजाइन के आधार पर अलग हो सकती है. ज्यादा पेमेंट करने से बचने के लिए मेकिंग चार्ज जरूर चेक कर लें.