डिजिटल गोल्ड: कैसे करें इन्वेस्टमेंट ताकि मिले सुनहरा रिटर्न

Digital Gold: डिजिटल गोल्ड में निवेश ज्यादा किफायती है. फिजिकल गोल्ड में अक्सर ऊंचे मेकिंग चार्ज, रख-रखाव का खर्च आदि जुड़ा होता है

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Pic Courtesy: Pixabay

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सोने की कीमतों में लगातार आई गिरावट से अब सोना खरीदने का मन बना रहे हैं तो आपके लिए ये जानना जरूरी है कि सिर्फ ज्वेलरी और गोल्ड कॉइन के बजाय डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) चुनने का मौका भी है.

गोल्ड खरीदने की अक्सर दो वजहें होती हैं – या तो इस्तेमाल के लिए या फिर निवेश के लिए. इस्तेमाल के लिए मतलब ज्वेलरी के लिए जबकि इन्वेस्टमेंट के लिए मतलब सोना खरीदने पर होने वाली रिटर्न की कमाई के लिए. इस रिटर्न के लिए गोल्ड में कैसे निवेश करें? आप फिजिकल गोल्ड या फिर डिजिटल गोल्ड खरीद सकते हैं.

फिजिकल गोल्ड बनाम डिजिटल गोल्ड

फिजिकल गोल्ड में अक्सर थोड़ा नुकसान होका है जैसे ऊंचे मेकिंग चार्ज, रख-रखाव का खर्च आदि. लॉकर्स भी काफी महंगे हो गए हैं. ऐसे में डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) काफी किफायती विकल्प बनकर उभरे हैं. HDFC सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट तपन पटेल ने खास चर्चा में बताया कि डिजिटल गोल्ड में निवेश के कई तरीके हैं जैसे गोल्ड बीस (Gold BeES), गोल्ड ETF, गोल्ड फंड और सोवरेन गोल्ड बॉन्ड.

गोल्ड बीस और गोल्ड ETF के जरिए छोटी रकम में भी सोने में निवेश किया जा सकता है यानि एक ही बार में बड़ा निवेश का करने पर रिस्क भी कम. तपन मानते हैं कि लंबी अवधि के लिए गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं तो सोवरेन गोल्ड बॉन्ड सही विकल्प है. सोवरेन गोल्ड बॉन्ड में सोने की कीमतों के जरिए मिलने वाले रिटर्न के साथ ही 2 फीसदी का ब्याज भी मिलता है. वहीं सोवरेन गोल्ड बॉन्ड में 5 साल का लॉक-इन है जिसके बाद आपके पास इस रकम को निकालने की सुविधा होती है. हालांकि सोवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी 8 साल बाद ही होती है.

डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) में निवेश ज्यादा किफायती है. Money9 की टीना जैन कौशल के साथ देखें पूरी चर्चा का वीडियो यहां:

Published - February 19, 2021, 06:58 IST