सोना खरीदने से पहले पढ़ लें ये खबर, बाद में नहीं पड़ेगा पछताना

सोने में निवेश की बात करें तो शुद्धता सबसे ज्यादा मायने रखती है. सोना जितना शुद्ध होगा उतना ही ज्यादा उसकी वैल्यू ज्यादा होगी

Pure Gold

विकास सिंह

हमारी परंपराओं में सोने का विशेष सांस्कृतिक महत्व रहा है. अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर सोना और चांदी खरीदना आम निवेश से कहीं बढ़कर माना जाता है. जहां एक ओर सोने को सफलता का प्रतीक माना जाता है वहीं दूसरी ओर मुश्किल समय में यह आर्थिक सुरक्षा भी देता है. इसीलिए समय के साथ सोने में निवेश का चलन लगातार बढ़ता जा रहा है.

शुद्ध सोना देगा बेहतर रिटर्न

सोने में निवेश की बात करें तो शुद्धता सबसे ज्यादा मायने रखती है. सोना जितना शुद्ध होगा उतना ही ज्यादा उसकी वैल्यू ज्यादा होगी और उससे अच्छा रिटर्न मिलेगा. सोने के किसी भी प्रोडक्ट की शुद्धता का माप कैरट के आधार पर किया जाता है. वहीं इसके खरेपन का माप अधिक सटीक विश्लेषण देता है. एक समझदार निवेशक के लिए सोने की शुद्धता 24 कैरट कैटेगरी में भी अलग-अलग हो सकती है.
सोने के 999.9+ ग्रेडिंग वाले प्रोडक्ट्स की शुद्धता 99.99%+ होती है जिसे बाजार में उपलब्ध सबसे शुद्ध सोना कहा जा सकता है. इसी तरह 999 ग्रेडिंग की शुद्धता 99.99%+ होती है, जबकि 916 ग्रेडिंग की शुद्धता 91.6 फीसद होती है. ऐसे में अधिकतम 999.9+ ग्रेडिंग को चुनने से आपको प्रति यूनिट ज्यादा वजन मिलता है और यह प्रोडक्ट शानदार रीसेल वैल्यू देता है.

कैसा सोना खरीदें?

सोने के आभूषणों के लिए मार्केट में सबसे ज्यादा उपलब्ध कैरट 22 कैरट है क्योंकि सोने के आभूषणों को मजबूत बनाने के लिए इसमें सिल्वर और कॉपर के साथ सही संतुलन बनाना जरूरी होता है. इसके अलावा अक्सर सोने के आभूषण खरीदते समय उपभोक्ता को 10-25 फीसद मेकिंग चार्ज भी देना होता है. ऐसे में उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि सोने के मिंटेड प्रोडक्ट्स जैसे सिक्के या बार खरीदें, क्योंकि इन पर आपको सिर्फ 1-2 फीसदी ही मेकिंग चार्ज देना पड़ता है.

ऑथेन्टिक सर्टिफिकेट जरूरी

जाने-माने बुलियन डीलर 999.9+ शुद्धता वाले शुद्ध सोने को प्राथमिकता देते हैं जिनमें ट्रेस एलीमेन्ट कम से कम हों और जिसके साथ ऑथेन्टिक सर्टिफिकेट भी मिले. 99.99%+ शुद्धता और पॉज़िटिव वेट टॉलरेन्स वाले सोने के आइटम का मूल्य बेहतर होता है. ऐसे प्रोडक्ट में मौजूद सोने का वज़न इसकी पैकेजिंग पर दिए गए वजन से अधिक होता है. इसलिए पॉजिटिव वेट टॉलरेन्स वाले मिंटेड प्रोडक्ट्स निवेश पर ज्यादा रिटर्न देते हैं.

लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन, (LMBA) की ‘गुड डिलीवरी’ मान्यता को दुनिया भर में शुद्धता का हॉलमार्क माना जाता है, इसमें शुद्धता का स्तर वज़न और फिज़िकल फीचर्स भी को कवर किया जाता है. इस मान्यता वाले प्रोडक्ट्स को इंटरनेशनल गोल्ड मार्केट और गोल्ट ईटीएफ (Gold ETF) जैसे संस्थानों द्वारा भी स्वीकार किया जाता है.

निवेश पोर्टफोलियो में सोना मजबूत

भारत के एकमात्र एलबीएमए मान्यता प्राप्त रिफाइनर के रूप में एमएमटीसी पैम्प पॉजिटिव वेट टॉलरेन्स वाले मिंटिंग 99.99%+ शुद्धता से युक्त गोल्ड और सिल्वर कॉयन और बार लेकर आता है. इस तरह हम अपने उपभोक्ताओं को विवेकपूर्ण निवेश में मदद करते हैं. इतिहास पर नजर डालें तो निवेश के पोर्टफोलियो में सोने का विशेष स्थान रहा है. सोने और चांदी की खरीद के साथ तो अक्षय तृतीया का त्योहार मनाना पवित्रता, कारीगरी और परंपरा का प्रतीक रहा है. अक्षय तृतीया के अवसर पर सोने-चांदी की खरीद इसे सही मायनों में पावन बनाती है.

(लेखक MMTC-PAMP के मैनेजिंग डायरेक्‍टर और सीईओ हैं, प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.)

Published - May 9, 2024, 06:41 IST