RBI की डिजिटल पेमेंट फर्म पेटीएम पर कार्रवाई के बाद फिनटेक क्षेत्र पर बुरा असर पड़ सकता है. भारत के मेकमायट्रिप और बीमा विक्रेता पॉलिसीबाजार ने केंद्रीय बैंक को पत्र लिखकर यह चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि पेटीएम पर उसकी सख्ती से तेजी से बढ़ते फिनटेक क्षेत्र में निवेश को नुकसान होगा. मीडिया एजेंसी रॉयटर्स के गए पत्र से पता चला है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले हफ्ते पेटीएम पेमेंट्स बैंक को लगातार गैर-अनुपालन की वजह से 1 मार्च से अपनी ज्यादातर सेवाएं बंद करने का आदेश दिया था. इससे कंपनी के स्टॉक में 2.3 अरब डॉलर की गिरावट आई थी
भारत सरकार के मुताबिक डिजिटल पेमेंट्स, स्मार्टफोन और इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से 2022 में फिनटेक क्षेत्र से 5.6 अरब डॉलर जुटाए गए थे. सॉफ्टबैंक और टाइगर ग्लोबल जैसे विदेशी निवेशकों ने हाल के वर्षों में इस क्षेत्र पर दांव लगाया है. हालांकि अब भारत के फिन-टेक क्षेत्र पर व्यापक प्रभाव के बारे में चिंताएं हैं.
RBI को लिखे अपने पत्र में, ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसी मेकमाईट्रिप, पॉलिसीबाजार और 10 अन्य संस्थाओं ने अधिकारियों से पेटीएम पर अपने फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है. उनका कहना है कि इस कदम से वैश्विक व्यापार समुदाय को नकारात्मक संकेत जा सकता है और यह पूरे फिनटेक क्षेत्र पर खराब असर डाल सकता है.
सॉफ्टबैंक समर्थित पेटीएम ने कहा है कि वह काम जारी रखने को लेकर सकारात्मक है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह केंद्रीय बैंक के साथ बातचीत कर रही है. मेकमाईट्रिप और पॉलिसीबाजार ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जबकि पेटीएम ने टिप्पणी के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया.
पेटीएम का ऐप भारत में सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाने वाले ऐप में से एक है. इसके सीईओ विजय शेखर शर्मा एक समय भारत के 100 सबसे अमीर लोगों में से एक थे. अब, वह निश्चित रूप से पेटीएम को बचाने की कोशिश में अपने सबसे बड़े संकट का सामना कर रहे हैं, जिसके 10 करोड़ मासिक यूजर्स हैं. वॉलमार्ट का फोनपे और गूगल जैसी कंपनियों इसकी प्रतिस्पर्धी कंपनी हैं.