त्यौहारी सीजन नजदीक आने के साथ, ऑनलाइन फ्रॉड से जुड़े मामले भी बढ़ रहे हैं. सबसे ज्यादा फाइनेंशियल फ्रॉड QR कोड, वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) और डेबिट/क्रेडिट कार्ड लेनदेन से जुड़े हैं. यह कुल फाइनेंशियल फ्रॉड का करीब 77.5 फीसद है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT)-कानपुर में शुरु हुआ एक नॉन प्रॉफिट स्टार्टअप द फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है.
साइबर सिक्योरिटी फर्म क्विक हील टेक्नोलॉजीज की एक अन्य रिपोर्ट में पता चला है कि अप्रैल से जून की तिमाही में ऑनलाइन खतरों से प्रभावित कोलकाता, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु और नई दिल्ली शीर्ष भारतीय शहर हैं. शीर्ष 10 शहरों में, कोलकाता 70.8 लाख मिलियन खतरों के साथ सूची में सबसे आगे है, इसके बाद 7 लाख खतरों के साथ मुंबई है.
फ्रॉड का तरीका
कोविड के बाद QR कोड की बढ़ती लोकप्रियता के साथ-साथ इससे जुड़े फ्रॉड भी बढ़े हैं. इस तरह के फ्रॉड में स्कैमर्स असली QR कोड को हैक कर लेते हैं. इन QR कोड का इस्तेमाल कर ग्राहकों को फिशिंग वेबसाइट की तरफ रिडायरेक्ट किया जाता है जिससे उनकी वित्तिय जानकारी चुराई जा सके. मिंट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक फ्रॉडस्टर्स आजकल सब्सिडी और नौकरियां देने वाली नकली सरकारी वेबसाइटें बनाकर लोगों को निशाना बना रहे हैं. फूड जॉइंट्स और पार्किंग प्लेस में भी ऐसे घोटालों में वृद्धि देखी गई है. इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी QR कोड घोटाले भी बड़े पैमाने पर होते जा रहे हैं. हाल के महीनों में बिटकॉइन QR कोड जनरेटर से जुड़ी Google सर्च पेज में दिखाई गई अधिकांश लिंक नकली या घोटाले वाली वेबसाइटों के लिए हैं.
कितने बढ़े मामले पिछले महीने, बेंगलुरु पुलिस ने बताया था कि इस साल की पहली छमाही में QR कोड घोटाले से जुड़े 7,000 से अधिक ऑनलाइन मामले दर्ज किए गए थे. 2022 में, शहर में 9,940 साइबर अपराध के मामले सामने आए और उनमें से लगभग 1,300 QR कोड से संबंधित थे. सिटी पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2017 और 31 मई, 2023 के बीच बेंगलुरु में 50,027 से अधिक साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से 41% मामले QR कोड या लिंक या डेबिट/क्रेडिट कार्ड डिटेल्स से जुड़े थे.
बढ़ रही QR कोड से पेमेंट्स भारत में QR कोड के जरिए पेमेंट करने का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है. कंसल्टिंग फर्म बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) के जून 2022 के अध्ययन के अनुसार, आज भारत में 3 करोड़ से ज्यादा व्यापारी QR-कोड भुगतान स्वीकार करते हैं. पांच साल पहले यह महज 25 लाख था. देश का पेमेंट बाजार बाजार वर्तमान में 3 लाख करोड़ डॉलर से तीन गुना बढ़कर 2026 तक 10 लाख डॉलर होने की संभावना है.
बरतें एहतियात
QR कोड घोटाले के बढ़ने के बावजूद, ऐसे कई तरीके हैं जिनसे यूजर्स QR कोड से जुड़े जोखिम को कम कर सकते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि आज कई सुरक्षित QR कोड स्कैनिंग ऐप्स यूजर्स को वेबसाइटों पर जाने से पहले उनका प्रीव्यू करने की अनुमति देते हैं. किसी को पैसे लेने के लिए कभी भी QR कोड को स्कैन नहीं करना चाहिए. यूजर्स को सिर्फ केवल ऐपल के ऐप स्टोर या Google Play Store जैसे विश्वसनीय सोर्सेज से ही ऐप डाउनलोड करना चाहिए. इसके अलावा सभी स्मार्ट डिवाइसेज को लेटेस्ट सिक्योरिटी पैचेस के लिए लगातार अपडेट करते रहना चाहिए. साइबर सुरक्षा कंपनी, सेंटिनलवन में फील्ड CISO, प्रतीक भजंका का कहना है कि QR स्कैन करने के लिए अपने फोन के कैमरे के बजाय एक सुरक्षित स्कैनिंग ऐप चुनना चाहिए. साथ ही, छोटे यूआरएल लिंक से बचना चाहिए. यदि आप पूरा यूआरएल नहीं पढ़ पाते हैं तो लिंक फर्जी हो सकता है.
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