सोमवार को बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमतें नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं हैं. बिटकॉइन (BTC) ने आज 71,798 डॉलर का हाई बनाया है. बिटकॉइन की कीमत में उछाल ने इस क्रप्टोकरेंसी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.40 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचा दिया है. साल 2024 में अब तक बिटकॉइन की कीमतों में 67 फीसद से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. पिछले हफ्ते, रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद, बिटकॉइन ने तेजी से गोता लगाया और 10 फीसद से अधिक गिरकर 60,000 डॉलर के स्तर से नीचे आ गया.
क्यों चढ़े बिटकॉइन के भाव?
नए स्पॉट बिटकॉइन एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में नकदी बढ़ने से क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें बढ़ी हैं. साथ ही उम्मीद है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व जल्द ही ब्याज दरों में कटौती करेगा, इसने भी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों को सहारा दिया है. बिटकॉइन की कीमत में उतार-चढ़ाव व्यापक आर्थिक रुझान, नियामक विकास और इंवेस्टमेंट सेंटिमेंट सहित कई दूसरी वजहों से भी प्रभावित हुआ है. इसके अलावा, फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की हालिया टिप्पणी पर गौर करें तो उन्होंने अमेरिका में इस साल के अंत में ब्याज दर में कटौती की पुष्टि की है.
बिटकॉइन ईटीएफ में बढ़ा इन्फ्लो
पिछले कुछ हफ्तों में बिटकॉइन ईटीएफ में अरबों डॉलर का इन्फ्लो हुआ है. बाजार को एक आउटलुक से भी समर्थन मिल रहा है जिसमें एथेरियम ब्लॉकचैन प्लेटफॉर्म का अपग्रेड है. मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से बिटकॉइन के बाद एथर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है.
निवेशक क्यों हो रहे बिटकॉइन के प्रति आकर्षित
क्रिप्टोकरेंसी के जानकारों का कहना है कि निवेशक बिटकॉइन के प्रति इस बात को लेकर आकर्षित हो रहे हैं क्योंकि एक अलग परिसंपत्ति के रूप में माना जा सकता है, जो इसे पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन लिए बेहद आकर्षक बनाता है. एलएसईजी के एक आंकड़े पर भरोसा करें तो 1 मार्च को खत्म हुए हफ्ते में 10 सबसे बड़े अमेरिकी स्पॉट बिटकॉइन फंडों में शुद्ध इन्फ्लो 2.17 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें से आधे से अधिक ब्लैकरॉक के आईशेयर्स बिटकॉइन ट्रस्ट में गया था.