आरबीआई की ओर से पेटीएम पेमेंट बैंक पर हुई कार्रवाई से जहां ये दिग्गज फिनटेक कंपनी संघर्ष कर रही है, वहीं इसका फायदा विदेशी कंपनियों Google और Walmart Inc. को मिल रहा है. उनके यूजर्स में इजाफा हो रहा है. 15 मार्च के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक (PPBL) के बंद होने की खबर के बाद से लोग दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान परिषद (NPCI) के मुताबिक वॉलमार्ट के स्वामित्व वाले PhonePe से हुए लेनदेन की वैल्यू लगभग 7 प्रतिशत बढ़ गई है, जबकि GPay के मामले में लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.
NPCI ने बुधवार को अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी कि भारत की राज्य समर्थित लेनदेन प्रणाली पर किए गए पेटीएम भुगतान की वैल्यू जनवरी से 14 प्रतिशत गिरकर 1.65 ट्रिलियन रुपए (19.9 बिलियन डॉलर) हो गई है. एक समय पेटीएम भुगतान के मामले में तीसरे पायदान पर था, मगर PhonePe और Google के GPay में इसकी तुलना में भुगतान मूल्य में ज्यादा वृद्धि हुई है.
यूजर्स तलााश रहे विकल्प
पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर लगी पाबंदियों के बाद से यूजर्स पहले ही वैकल्पिक सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं. वहीं बचे हुए उपभोक्ता धीरे-धीरे दूसरे पेमेंट मोड की ओर शिफ्ट हो रहे हैं. पेटीएम वॉलेट को दूसरे बैंकों से लिंक करने की आखिरी डेडलाइन 15 मार्च है. पेटीएम कंपनी को उम्मीद है कि उसकी यूपीआई सेवा पहले की तरह चलती रहेगी. इसके लिए कंपनी को एनपीसीआई से लाइसेंस लेना है, जिस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा.
आरबीआई ने की कार्रवाई
भारतीय रिजर्व बैंक ने 31 जनवरी को पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को किसी भी ग्राहक खाते में जमा, क्रेडिट लेनदेन या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया है. केंद्रीय बैंक ने केवाईसी नियमों के उल्लंघन के चलते पेटीएम बैंक पर कार्रवाई की थी. नियामक के कदम से कंपनी के स्टॉक में तेज गिरावट आई है. जनवरी के आखिर से पेटीएम के शेयर लगभग 50 प्रतिशत नीचे गिर गए हैं.